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India-Pakistan News Live: पहलगाम में बर्बर आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के ठिकानों का टारगेट करते हुए एयर स्ट्राइक किया था. बहावलपुर से लेकर मुदिरके तक में स्थित आतंकी ट्रेनिंग कै…और पढ़ें

India-Pakistan News Live Updates: भारत और पाकिस्तान के DGMO डी-एस्केलेशन प्लान पर आगे बढ़ेंगे. (फोटो: पीटीआई/फाइल)
India-Pakistan News Live Updates: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हिन्दू पर्यटकों के नरसंहार के बाद भारत ने आतंकवादियों और उसके पनाहगार पाकिस्तान को करारा जवाब दिया. भारत ने सिर्फ आतंकवादियों के ठिकानों और उनके ट्रेनिंग सेंटर को निशाना बनाया था. जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों को टारगेट करना शुरू कर दिया था. भारत ने दुश्मनों के हर मंसूबे को नाकाम कर दिया. इसके साथ ही पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को टारगेट करना शुरू किया और एयरबेस समेत अन्य ठिकानों को व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचाया. भारत के प्रचंड रूप को देखकर पाकिस्तान दहशत में आ गया और सीजफायर के लिए गिड़गिड़ाने लगा. इसके साथ ही बॉर्डर पर अप्रैल से पहले की स्थिति बहाल करने पर भी चर्चा होने लगी. अब भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ बुधवार को डी-एस्कलेशन प्लान साझा करेंगे. इसके बाद आगे कदम उठाया जाएगा.
जानकारी के अनुसार, भारत और पाकिस्तान बुधवार तक सीमा पर तैनात सैनिकों की तैनाती कम करने के तौर-तरीकों पर योजनाओं का आदान-प्रदान कर सकते हैं. इसमें ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तैनात सैनिकों और सैन्य साजो-सामान को दोनों पक्षों की अग्रिम सुरक्षा चौकी से अप्रैल से पहले के स्थानों पर ले जाना शामिल है. सूत्रों ने बताया कि सोमवार शाम को भारत और पाकिस्तान के DGMO के बीच दूसरे दौर की वार्ता में इस प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी. किसी भी प्रकार के एयर वॉयलेशन पर रोक लगाने पर भी चर्चा की गई. साथ ही सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान और एक पाकिस्तानी रेंजर के आदान-प्रदान पर भी चर्चा की गई, जो अनजाने में एक-दूसरे के क्षेत्र में प्रवेश कर गए थे.
इन बातों पर सहमति
सेना के अनुसार, डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने सोमवार शाम 5 बजे अपने पाकिस्तानी समकक्ष मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला से बात की थी. शनिवार के बाद से यह उनकी दूसरी बातचीत थी, जब उन्होंने सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति जताई थी. इस दौरान यह सहमति बनी कि दोनों पक्ष सीमाओं और अग्रिम क्षेत्रों से सैनिकों की संख्या में कमी सुनिश्चित करने के लिए तत्काल उपायों पर विचार करेंगे. सेना के बयान में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस प्रतिबद्धता को जारी रखने से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई कि दोनों पक्षों को एक भी गोली नहीं चलानी चाहिए या एक-दूसरे के खिलाफ कोई आक्रामक और शत्रुतापूर्ण कार्रवाई शुरू नहीं करनी चाहिए.
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