Monday, December 16, 2024
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ब्रेन स्‍ट्रोक में लकवा है एक कॉमन सिंटम, मगर इन संकेतों को न करें नजरअंदाज


Sehat Ki Baat: सर्दियों में ‘अचानक मौत’ की बात सामने आते ही उसके दो ही कारण नजर आते हैं. पहला कारण बनता है ब्रेन स्‍ट्रोक और दूसरा है हार्ट स्‍ट्रोक. कुछ ही किस्‍मत वाले होते हैं, जिनकी स्‍ट्रोक आने के बाद जान बच पाती है. एम्‍म की रिपोर्ट के अनुसार, स्‍ट्रोक भारत में मौत की दूसरी सबसे बड़ी वजह बन गई है. भारत में हर साल स्‍ट्रोक के लगभग 185000 मामले सामने आते हैं, जिसमें हर 40 सेकेंड में एक स्‍ट्रोक होता है और हर 4 मिनट में स्‍ट्रोक मौत की वजह बनती है.

कुछ ऐसा ही कहना ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (जीबीडी) का है. जीबीडी के अनुसार, भारत में स्‍ट्रोक के आंकड़े बढ़कर 68.6 तक पहुंच गए हैं और इनमें से 70.9 फीसदी मामलों में स्‍ट्रोक मृत्‍यु की वजह बन रहा है. ऐसे में, भारत के स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र के लिए स्‍ट्रोक बड़े बोझ की तरह बनता जा रहा है. इन आंकड़ों को देखने के बाद न केवल यह जरूरी है कि हम ब्रेन स्‍ट्रोक के प्रति जागरूक हों, बल्कि उन लक्षणों को पहचाने, जिससे समय रहते मरीज को मेडिकल सहायता मुहैया कर उसकी जान बचाई जा सके. 

नस का ब्‍लॉक होना है सबसे कॉमन स्‍ट्रोक
राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल के न्‍यूरोसर्जरी डिपार्टमेंट के विभागाध्‍यक्ष डॉ. अजय चौधरी के अनुसार, ब्रेन स्‍ट्रोक अमूमन दो तरह के होते हैं. इसमें सबसे कॉमन है, दिगाम की नस का ब्‍लॉक होना. नस ब्‍लॉक होने की वजह से दिमाग का एक हिस्‍सा क्षतिग्रस्‍त हो जता है. इस स्थिति में तीन तरह के लक्षण दिखाई देते हैं. पहला- मरीज को बेहोशी आ सकती है. दूसरा- उसको पैरालिसिस का अटैक पड़ सकता है और तीसरा- उसको दौरे पड़ सकते हैं. इन तीनों स्थिति में बिना समय गंवाए मरीज को नजदीकी अस्‍पताल ले जाना चाहिए. 

यह भी पढ़ें: क्‍या है बाथरूम डेथ का रहस्‍य, सर्दियों से है इसका नाता, न्‍यूरोसर्जन से जानें बचाव का तरीका

मरीज के लिए जान लेवा बन सकता है हेमोरेजिक स्‍ट्रोक
डॉ. अजय चौधरी के अनुसार, दूसरे स्‍ट्रोक को हेमोरेजिक स्‍ट्रोक (Hemorrhagic stroke) कहा जाता है. इस स्‍ट्रोक में हाई ब्‍लड प्रेशर की वजह से ब्रेन में हेमरेज होता है. ऐसे स्थिति में ब्रेन की नसों में खून के क्‍लॉट बन जाते हैं. खून का बहाव रुकने की वजह से ब्रेन को नुकसान पहुंचता है. नतीजनत, मरीजा को एक साइड पैरालिसिस हो सकता है. मरीज को बेहोशी और उल्टियां भी हो सकती है. यह सभी लक्षण मरीज में अचानक से आते हैं. ऐसी स्थिति में मरीज के परिजनों को पैनिक होने से बचना चाहिए और समय रहते समीपवर्ती अस्‍पताल में पहुंचाना चाहिए. 

Tags: Brain Dead, Health News, Sehat ki baat



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