Cervical cancer awareness month: आमतौर पर महिलाओं में कैंसर होने की बात आते ही ब्रेस्ट कैंसर का ही अनुमान लगाया जाता है लेकिन असल में भारत में ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) से भी ज्यादा घातक और ज्यादा तेजी से फैलने वाला कैंसर सर्विक्स या सर्विकल कैंसर (Cervical Cancer) है, जो खासतौर पर नई उम्र की लड़कियों और कम उम्र की महिलाओं को अपना शिकार बना रहा है. इसके लक्षण भी ऐसे होते हैं कि शुरुआत में समझ ही नहीं आते और महिलाएं सामान्य चीजें समझकर इन लक्षणों या संकेतों पर गौर नहीं करतीं और बीमारी बढ़ जाती है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो सर्विकल यानि गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के लिए जिम्मेदार एचपीवी वायरस (HPV Virus) जीवन में एक बार उन सभी महिलाओं पर अटैक करता है जो यौन संबंध में रहती हैं, हालांकि कुछ महिलाओं में यह वायरस इतना खतरनाक हो जाता है कि कैंसर बन जाता है.
इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. रुकैया अहमद मीर बताती हैं कि भारत में कई घातक बीमारियों से जूझने के बावजूद महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के मामले अभी भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इसकी वजह से महिला रोगियों के न सिर्फ स्वास्थ्य बल्कि शरीर की स्थिति बिगड़ रही है. डॉक्टरों की मानें तो सर्वाइकल कैंसर दुनिया में महिलाओं में पाए जाने वाले सबसे आम और घातक कैंसर में से एक है. यह गर्भाशय के निचले हिस्से में स्थित गर्भाशय ग्रीवा के अंदर विकसित होता है। मुख्य रूप से यह मानव पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के कारण होता है जो यौन संपर्क से महिलाओं में फैलता है.
यह संक्रमण लगातार संभोग में लिप्त होने पर गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं पर एक परत बना देता है. इतना ही नहीं, डॉक्टरों का यहां तक मानना है कि सभी महिलाएं जो यौन रूप से सक्रिय हैं, उनके जीवन में किसी समय एचपीवी के संपर्क में जरूर आती हैं. आमतौर पर अधिकांश एचपीवी संक्रमण अपने आप ठीक हो जाते हैं लेकिन हर महिला में प्री-कैंसर के घाव विकसित होने का खतरा भी रहता है. ये घाव एक बार विकसित हो जाएं और इलाज न किया जाए तो घातक सर्वाइकल कैंसर को जन्म देते हैं.
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ये आदतें बढ़ा रहीं सर्वाइकल कैंसर का खतरा?
सर्वाइकल कैंसर उन महिलाओं में प्रमुख है, जिनमें गर्भाशय ग्रीवा के बार-बार होने वाले एचपीवी संक्रमण का उच्च जोखिम होता है. जिन महिलाओं में सर्विक्स कैंसर होने का खतरा होता है, उनमें ये आदतें आमतौर पर देखी गई हैं.
1. कम उम्र या कई यौन संपर्क: जो महिलाएं 18 साल की उम्र से पहले यौन रूप से सक्रिय हो जाती हैं या कई के साथ यौन क्रिया में शामिल होती हैं, उनमें एचपीवी संक्रमण विकसित होने का उच्च जोखिम होता है जो आगे चलकर गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर में विकसित होता है.
2. कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली: जो महिलाएं एचआईवी/एड्स और इसी तरह के संक्रमण से संक्रमित हैं, उनमें सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा अधिक होता है. एचआईवी जैसे मानव शरीर में कुछ संक्रमण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करते हैं और शरीर को एचपीवी जैसे संक्रमणों से लड़ने से रोकते हैं जिसके परिणामस्वरूप सर्वाइकल कैंसर का विकास होता है. एचआईवी और संबंधित बीमारियों के अलावा, मानव प्रतिरक्षा प्रणाली पर प्रभाव डालने वाली मजबूत दवाएं भी इम्यूनोकॉम्प्रोमाइज्ड स्थिति का कारण बनती हैं.
3. धूम्रपान: सिगरेट पीने वाली या या निष्क्रिय धूम्रपान (सिगरेट-बीड़ी के धुएं के संपर्क में) करने वाली महिलाओं में लगातार एचपीवी संक्रमण विकसित होने का जोखिम अधिक होता है. धूम्रपान का प्रभाव तंबाकू के सेवन और धूम्रपान की अवधि पर निर्भर करता है.
4. अन्य कारक: गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन, कई जन्म देना और संबंधित जटिलताओं जैसे कुछ कारकों ने शरीर में एचपीवी संक्रमण के उच्च जोखिम का संकेत दिया है.
ये हैं सर्वाइकल कैंसर के लक्षण और संकेत
45 वर्ष से कम उम्र की युवा महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है. नव विकसित सर्वाइकल कैंसर में ज्यादातर कोई लक्षण नहीं या बहुत कम लक्षण दिखाई देते हैं. सर्वाइकल कैंसर के बाद के चरण में महिलाओं को इन लक्षणों का अनुभव हो सकता है.
• संभोग के दौरान दर्द
• संभोग के दौरान या माहवारी के बीच में योनि से खून बहना
• उदर क्षेत्र में दर्द
• योनि क्षेत्र में खुजली और जलन
• असामान्य खूनी और पानी वाला योनि स्राव या दुर्गंधयुक्त मलत्याग
• अस्पष्टीकृत कमजोरी और थकान
• बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना
• पेशाब में खून आना
डॉ. कहती हैं कि ये लक्षण हर महिला में अलग-अलग होते हैं. महिलाओं को सलाह दी जाती है कि जैसे ही वे अपने योनि क्षेत्र से कोई असामान्य प्रतिक्रिया या उत्सर्जन का अनुभव करें, डॉक्टर से परामर्श करें. साथ ही जो कारण सर्विकल कैंसर के लिए जिम्मेदार हैं, ऐसी आदतों को छोड़ने की कोशिश करें. इसके साथ ही सर्विकल कैंसर को टीकाकरण से रोका जा सकता है और शुरुआती चरण में पता चलने पर इसका इलाज किया जा सकता है. एचपीवी संक्रमण की जांच करके सर्वाइकल कैंसर का पता लगाया जाता है और सर्जरी, रेडियोथेरेपी या कीमोथेरेपी द्वारा इसका इलाज किया जा सकता है.
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Tags: Cancer, Cervical cancer
FIRST PUBLISHED : January 12, 2023, 14:59 IST