रिपोर्ट- रामकुमार नायक
रायपुर. आयुर्वेद की जननी भारत में जड़ी बूटियों का समृद्ध संसार है. हर रोग के इलाज के लिए अलग अलग जड़ी बूटियों का इस्तेमाल आज भी किया जाता है. आयुर्वेद चिकित्सा में औषधीय पौधों की विशेष महत्ता बताई गई है. इन्हीं औषधीय पौधों में से एक है सर्पगंधा. ये अनिद्रा, ब्लड प्रेशर, उन्माद कम करने का शर्तिया इलाज है.
सर्पगंधा एक प्राकृतिक औषधि है. इसका स्वाद कड़वा, तीखा, कसैला होता है. इसका इस्तेमाल प्राकृतिक चिकित्सा में किया जाता है. ये कितना असरदार और तेज होता है ये इसी से समझा जा सकता है कि अगर जहरीले कीट, सांप और नेवला अगर काट ले तो सर्पगंधा ही उसका विष उतार सकता है.
एक पौधा हजार इलाज
सर्पगंधा बेहद स्वास्थ्यवर्धक पौधा है. विशेष रूप से, इसकी जड़ का उपयोग कई तरह की आयुर्वेदिक औषधि बनाने में किया जाता है. पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा में सदियों से इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके सेवन से ब्लड प्रेशर से लेकर नींद ना आने की समस्या, चिड़चिड़ापन आदि को आसानी से काबू किया जा सकता है.
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ब्लड प्रेशर करे काबू
शासकीय आयुर्वेद कॉलेज रायपुर के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ राजेश सिंह ने बताया सर्पगंधा का पौधा वर्षा ऋतु में ज्यादा उगता है. इसके पुष्प छत्राकर होते हैं. पुष्पन जब होता है वह सफेद और लाल रंग के फूल आते हैं. इसके पत्ते एक नोट पर तीन पत्र आते हैं. इससे ही इसकी पहचान होती है. सर्पगंधा में मौजूद सर्पेंटिन ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में सहायक होता है.
गुस्सा कर देता है शांत
जिन्हें बहुत ज्यादा घुस्सा आता है, चिड़चिड़ापन, उत्तेजित अवस्था में रहते हैं उन्हें शांत करने में भी सर्पगंधा कारगर है. जिन्हें अनिंद्रा की समस्या है उन्हें सर्पगंधा का सेवन करने से नींद आने लगती है. ज्यादातर लोग इसका उपयोग ब्लड प्रेशर कम करने, निंद्रा लाने के लिए करते हैं. सर्पगंधा को पागलपन की जड़ी भी कहते हैं. जो लोग उत्तेजित होते या उन्माद रोगी होते हैं उन्हें देने से इसका तुरंत असर दिखता है.
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FIRST PUBLISHED : March 6, 2024, 17:27 IST