Home Health ब्लड शुगर को खून में ही चूस लेता है यह कांटेदार फूलों वाला हर्ब्स, विज्ञान ने भी माना लोहा, ये है इस्तेमाल का तरीका

ब्लड शुगर को खून में ही चूस लेता है यह कांटेदार फूलों वाला हर्ब्स, विज्ञान ने भी माना लोहा, ये है इस्तेमाल का तरीका

0
ब्लड शुगर को खून में ही चूस लेता है यह कांटेदार फूलों वाला हर्ब्स, विज्ञान ने भी माना लोहा, ये है इस्तेमाल का तरीका

[ad_1]

हाइलाइट्स

मिल्क थिसल अकेला ऐसा हर्ब्स है जो डायबिटीज में ब्लड शुगर पर जबर्दस्त तरीके से कम करता है.
लंबे समय से लोग मिल्क थिसल के बीज का इस्तेमाल लिवर टॉनिक के रूप में करते हैं.

Milk Thistle reduced Blood Sugar: मिल्क थिसल बेहद उपयोगी हर्ब्स है जिसका इस्तेमाल सदियों से कई बीमारियों के इलाज में किया जाता रहा है. अब विज्ञान ने भी इस कारामाती हर्ब्स का लोहा मान लिया है. मिल्क थिसल छोटा कांटेदार पौधा है जिसमें बैंगनी रंग के फूल लगे होते हैं. इसका वैज्ञानिक नाम सिलिबम मेरियानम (Silybum Marianum) है. मिल्क थिसल का खासतौर पर लि‍वर सप्लीमेंट के तौर पर इस्तेमाल कि‍या जाता है. एनसीबीआई के वेबसाइट के मुताबिक मिल्क थिसल का करीब 2000 सालों से लिवर को साफ करने में इस्तेमाल किया जाता है लेकिन वैज्ञानिक शोध के बाद अब इसके कई फायदों के बारे में लोगों को पता चल गया है. आयुर्वेद में मिल्क थिसल के सभी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है. इसके तने से लेकर फूल और बीज तक से दवाई बनाई जाती है. मिल्क थिसल में नेचुरल कंपाउंड पाया जाता है जिसे फ्लेवोनोलिजनेंस (flavonolignans) कहते हैं.

मिल्क थिसल पैनक्रियाज को बेहद सक्रिय कर देता है जिसके कारण ब्लड शुगर का बहुत जल्दी अवशोषण हो जाता है. डायबिटीज के मरीजों में यह रामबाण इलाज की तरह काम करता है. बाजार में मिल्क थिसल कई रूपों में मिलता है. हालांकि नेचुरल मिल्क थिसल ज्यादा फायदेमंद है.

स्टडी में सामने आई ये बात
वेबएमडी की खबर के मुताबिक लोग लंबे समय से मिल्क थिसल के बीज का इस्तेमाल लिवर टॉनिक के रूप में करते हैं. इससे लिवर साफ होता है. हाल के वर्षों में वैज्ञानिकों का ध्यान मिल्क थिसल से तैयार एक्सट्रेक्ट पर गया है. वैज्ञानिकों ने पाया है कि मिल्क थिसल में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो कई बीमारियों का खात्मा कर सकता है. इसके अलावा इसमें एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी मौजूद है. वैज्ञानिकों का मानना है कि मिल्क थिसल का इस्तेमाल डायबिटीज को खत्म करने में रामबाण की तरह हो सकता है. यही कारण है कि बाजार में मिल्क थिसल के एक्सट्रेक्ट को धड़ल्ले से बेचा जा रहा है. अमेरिकी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के शोधकर्ताओं ने मिल्क थिसल को लेकर 2016 में एक अध्ययन किया था जिसमें पाया गया था कि मिल्क थिसल अकेला ऐसा हर्ब्स है जो डायबिटीज में ब्लड शुगर पर जबर्दस्त तरीके से कम करता है.



डायबेटिक न्यूरोपैथी, डायबेटिक नेफ्रोपैथी का इलाज

पबमेड सेंट्रल जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2018 के एक अध्ययन में यह साबित हुआ कि मिल्क थिसल डायबिटीज मरीजों में ब्लड शुगर लेवल को बहुत नीचे ले आता है. एनसीबीआई जर्नल के मुताबिक मिल्क थिसल हर्ब्स का इस्तेमाल काफी फायदेमंद है. मिल्क थिसल के इस्तेमाल से डायबेटिक न्यूरोपैथी, डायबेटिक नेफ्रोपैथी और नॉन-अल्कोहलिक स्टीटोहेपाटाइटिस का भी इलाज किया जा सकता है. हालांकि मिल्क थिसल की बहुत कम मात्रा की ही जरूरत होती है. ज्यादा लेने पर उल्टी, मतली, डायरिया और ब्लॉटिंग हो सकता है. एनसीबीआई जर्नल के मुताबिक प्रति 8 घंटे पर मिल्क थिसल एक्सट्रेक्ट के 700 मिलीग्राम डोज को 7 दिनों तक लेने से कोई नुकसान नहीं है.

इसे भी पढ़ें-इस तरह सोएंगे तो धमनियों की दीवार में चिपक जाएगा कोलेस्ट्रॉल, हार्ट हो जाएगा ब्लॉक, तुरंत बदल लें आदत

इसे भी पढ़ें-विटामिन बी 12 की कमी कर देती है बेजान, नस-नस में कमजोरी से चलना हो जाता है मुश्किल, पैरों में मिलते हैं ये संकेत

Tags: Diabetes, Health, Health tips, Lifestyle

[ad_2]

Source link