Sahitya Akademi Yuva Puraskar 2022: हिंदी के युवा और चर्चित लेखक भगवंत अनमोल को साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. भगवंत अनमोल को उनके उपन्यास ‘प्रमेय’ के लिए यह सम्मान प्रदान किया गया है. भगवंत अनमोल के साथ कुल 24 भारतीय भाषाओं के युवा लेखकों को साहित्य अकादमी ने इस वर्ष के युवा पुरस्कार से सम्मानित किया है. प्रसिद्ध लेखिका ममता कालिया और साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर कम्बार और उपाध्यक्ष माधव कौशिक ने युवा रचनाकारों को नई दिल्ली स्थित त्रिवेणी कला संगम में आयोजित समारोह में सम्मानित किया.
साहित्य अकादमी के सचिव डॉ. के. श्रीनिवासराव ने बताया कि साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर कम्बार की अध्यक्षता में हुई कार्यकारी मंडल की बैठक में विभिन्न भाषाओं के 24 लेखकों की कृतियों को वर्ष 2022 के साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार के लिए चुना गया था. चयनित साहित्यकारों के नामों की घोषणा अगस्त में की गई थी.
हिंदी लेखक भगवंत अनमोल
भगवंत अनमोल की पुस्तकें ‘ज़िन्दगी 50-50’, ‘कामयाबी के अनमोल रहस्य’ और ‘तुम्हें जीतना ही होगा’ काफी चर्चित रही हैं. किन्नर समाज पर लिखा गया उपन्यास ‘ज़िन्दगी 50-50’ दैनिक जागरण की बेस्ट सेलर सूची में शामिल रहा है. इस उपन्यास को कर्नाटक विश्वविद्यालय, धारवाड़ ने अपने एमए हिंदी के पाठ्यक्रम में शामिल किया है.
भगवंत के अन्य उपन्यास ‘द परफेक्ट लव’, ‘प्रमेय’, ‘एक रिश्ता बेनाम सा’ और ‘बाली उमर’ भी पाठकों ने खूब पसंद किए हैं. छोटी-सी ही उम्र में चर्चित साहित्य सृजन के लिए भगवंत अनमोल को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा युवा लेखन पुरस्कार बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.
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‘प्रमेय’ उपन्यास के लिए उन्हें ‘साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार 2022’ से सम्मानित किया जा रहा है. ‘प्रमेय’ उपन्यास विज्ञान और धर्म के बीच सत्ता संघर्ष दर्शाता है.
भगवंत अनमोल का जन्म 30 अगस्त, 1990 को कानपुर में हुआ. बचपन में ही पिता को खो देने वाले भगवंत ने कंप्यूटर साइंस से बी. टेक. की डिग्री हासिल की. तालीम हासिल करने के बाद उन्होंने एक मल्टीनेशनल कंपनी में सॉफ्टवेर इंजीनियर के रूप में काम किया. नौकरी में मन नहीं लगने के कारण भगवंत कानपुर लौट आए और समाजसेवा तथा लेखन से जुड़ गए. भगवंत अनमोल हकलाने वाले बच्चों की मदद के लिए स्पीच थेरेपी करते हैं.
इन लेखकों को मिला सम्मान
साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार 2022 के लिए कुल 24 लेखकों को सम्मानित किया गया है. जिन लेखकों को सम्मानित किया गया उनमें बांग्ला भाषा में सुमन पतारी, अंग्रेजी भाषा में मिहिर वत्स, उर्दू भाषा में मकसूद आफाक, संस्कृत भाषा में श्रुति कानिटकर, राजस्थानी में आशीष पुरोहित, सिंधी भाषा में हिना आसवाणी, पंजाबी भाषा में संधू गगन, असमिया भाषा में प्रद्युम्न कुमार गोगोई, बोडो भाषा में सुमन पातारी, डोगरी भाषा में आशु शर्मा, गुजराती में भरत खेनी, कन्नड में दादापीर जैमन, कश्मीरी में शाइस्ता खान, कोंकणी में मायरन जेसन बार्रेटो, मैथली में नवकृष्ण ऐहिक, मलयालम में अनघा जे. कोलथ, मणिपुरी में सोनिया खुंद्राकपम, मराठी में पवन नालट, नेपाली में रोशन राई चोट, ओडिआ में दिलीप बेहरा, संताली में सालगे हांसदा, सिंधी में हिना आसवाणी, तमिल में पी. कालिमुथ्थु और तेलुगु में पल्लिपुट्टु नागाराजु शामिल हैं.
साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार
साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार 35 वर्ष से कम आयु के लेखकों को प्रदान किया जाता है. साहित्य अकादमी यूथ अवॉर्ड के तहत 50,000 रुपये की नकद राशि, उत्कीर्ण तांबे की पट्टिका और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है.
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Tags: Hindi Literature, Hindi Writer, Literature
FIRST PUBLISHED : December 27, 2022, 19:01 IST