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हाइलाइट्स
साधारण पूजा में भी प्रसन्न हो जाते हैं भगवान भोलेनाथ
भगवान शिव को नहीं चढ़ाई जाती तुलसी
Lord Shiva Puja: हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा का बहुत महत्व है. शास्त्रों में भोलेनाथ को बहुत भोला बताया गया है. मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से महादेव की पूजा-अर्चना करते हैं भगवान शिव की उन पर सदा कृपा बनी रहती है. भगवान शिव (Lord Shiva) अपने भक्तों से बहुत साधारण सी पूजा (Puja), जल और बेल पत्र अर्पित करने से ही अत्यंत प्रसन्न हो जाते हैं और उन्हें शुभाशीष प्रदान करते हैं.
शास्त्रों में भगवान शिव की पसंद और नापसंद की वस्तुओं को अर्पित करने के बारे में उल्लेख मिलता है. जिस तरह भगवान शिव को बेल पत्र, धतूरा अत्यंत प्रिय हैं, उसी तरह कई ऐसी वस्तु हैं जिन्हें भगवान शिव पर अर्पित नहीं करना चाहिए. उन्ही में एक तुलसी भी है. मान्यता है कि भगवान शिव को तुलसी नहीं चढ़ाना चाहिए. तुलसी चढ़ाने से भक्तों को उनके रौद्र रूप का शिकार होना पड़ सकता है. बहुत कम लोग जानते होंगे कि भगवान शिव को तुलसी क्यों नहीं चढ़ाना चाहिए. आइए आज हम आपको इसके पीछे की पौराणिक कथा बताते हैं.
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यह है पौराणिक कथा
एक पौराणिक कथा के अनुसार पूर्व जन्म में तुलसी का नाम वृंदा था. जो जालंधर नाम के एक राक्षस की पत्नी थी. जालंधर भगवान शिव का ही अंश था. लेकिन अपने बुरे कर्मों के कारण उसका जन्म राक्षस कुल में हुआ. असुरराज जालंधर को अपनी वीरता पर बहुत घमंड था. उससे हर कोई बहुत परेशान था. लेकिन फिर भी कोई उसकी हत्या नहीं कर पाता था. क्योंकि उसकी पत्नी वृंदा एक पतिव्रता स्त्री थी. जिसके प्रताप के कारण राक्षस सुरक्षित रहता था.
राक्षस जालंधर की मौत के लिए वृंदा का पतिव्रत धर्म खत्म होने बेहद जरूरी था. असुरराज जालंधर का अत्याचार बढ़ने लगा तो जनकल्याण के लिए भगवान विष्णु ने राक्षस जालंधर का रूप धारण कर वृंदा के पतिव्रता धर्म को तोड़ दिया. जब वृंदा को यह जानकारी हुई कि भगवान विष्णु ने उनका पतिव्रता धर्म को तोड़ दिया तो उन्होंने भगवान विष्णु को श्राप दे दिया.
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भगवान विष्णु ने दिया श्राप
वृंदा के श्राप से रुष्ट होकर विष्णु जी ने बताया कि वो उसका राक्षस जालंधर से बचाव कर रहे थे और उन्होंने वृंदा को श्राप दिया कि वो लकड़ी बन जाए. इधर वृंदा का प्रतिव्रता धर्म नष्ट होने के बाद भगवान शिव ने राक्षस राज जालंधर की हत्या कर दी. विष्णु जी के श्राप के कारण वृंदा कालांतर में तुलसी बनी. कहा जाता है कि चूंकि तुलसी श्रापित हैं और शिव जी के द्वारा उनके पति की हत्या की गई थी इसलिए शिव पूजन में इनकी पूजा नहीं कि जाती.
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Tags: Astrology, Dharma Aastha, Lord Shiva
FIRST PUBLISHED : May 08, 2023, 07:00 IST
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