Wednesday, September 4, 2024
Google search engine
HomeNationalभरण-पोषण के लिए पत्नी को शादी का सबूत देने की जरूरत नहीं,...

भरण-पोषण के लिए पत्नी को शादी का सबूत देने की जरूरत नहीं, झारखंड हाई कोर्ट का आदेश – India TV Hindi


Image Source : PTI
सांकेतिक फोटो।

झारखंड हाईकोर्ट ने हाल ही में एक सुनवाई में फैसला देते हुए कहा है कि पत्नी के रूप में साथ रह रही महिला को भरण-पोषण लेने के लिए शादी का पुख्ता सबूत देने की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने कहा है कि ऐसे मामले में जब साक्ष्य रिकॉर्ड पर मौजूद हो तो पुख्ता सबूत देने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही कोर्ट ने रांची फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली पति की याचिका को खारिज कर दिया है। आइए जानते हैं पूरा मामला।

क्या है ये पूरा मामला?

दरअसल, रांची की फैमिली कोर्ट ने एक विवाद के मामले में सुनवाई करते हुए पति को निर्देश दिया था कि पत्नि को 5 हजार रुपये प्रतिमाह का भरण पोषण दिया करे। पति राम कुमार रवि ने फैमिली कोर्ट के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट ने 5 हजार रुपये प्रतिमाह का भरण पोषण कर के 3 हजार तो कर दिया लेकिन उसकी याचिका को खारिज कर दिया। बता दे कि पत्नी ने आरोप लगाया है कि पति को दिव्यांग आरक्षण केटेगरी में सरकारी नौकरी मिली थी। इसके बाद पति ने उसे छोड़ दिया। 

अदालत ने वैवाहिक रिश्ते का उल्लेख भी किया था

बीते दिन भी वैवाहिक मामले की सुनवाई करते हुए झारखंड उच्च न्यायालय ने पति-पत्नी के संबंधों पर अपने फैसले में धार्मिक ग्रंथों को उद्धृत किया था। न्यायमूर्ति  सुभाष चंद ने 25 पन्नों के आदेश में उच्चतम न्यायालय के फैसलों को उद्धृत करते हुए इस बारे में विचार व्यक्त किया कि भारत में महिलाएं किस तरह शादी के बाद पति के परिवार में रहने आती हैं। न्यायमूर्ति चंद ने अपने आदेश में ऋग्वेद, यजुर्वेद, मनुस्मृति के उद्धरणों का भी वर्णन किया और टेरेसा चाको की पुस्तक ‘इंट्रोडक्शन ऑफ फेमिली लाइफ एजुकेशन’ का भी हवाला दिया। 

भारत में पश्चिमी देशों जैसा नहीं होता

न्यायमूर्ति  सुभाष चंद ने कहा था कि पश्चिमी देशों में बेटा शादी के बाद अपने परिवार से अलग हो जाता है, लेकिन भारत में ऐसा नहीं है। शीर्ष अदालत के एक फैसले का हवाला देते हुए न्यायमूर्ति चंद ने कहा कि पत्नी को विवाह के बाद अपने पति के परिवार के साथ रहना होता है, जब तक उनके अलग होने का कोई मजबूत न्यायोचित कारण नहीं हो। 

Latest India News





Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments