टोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया और विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट समेत देश के शीर्ष पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के तानाशाही रवैये के खिलाफ बुधवार को धरने पर बैठ गए। पहलवानों द्वारा किए गए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बुधवार (18 जनवरी) को विनेश फोगाट ने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष पर काफी सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। विनेश ने कहा कि उन्हें डब्ल्यूएफआई अधिकारियों से जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने ये भी कहा कि डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और महिला शिविर में कोचों ने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न किया।
बजरंग, विनेश, रियो ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता सरिता मोर, संगीता फोगाट, सत्यव्रत मलिक, जितेंद्र किन्हा और राष्ट्रमंडल खेल पदक विजेता सुमित मलिक जंतर मंतर पर धरने पर बैठे 30 पहलवानों में हैं।
विनेश ने आत्महत्या करने का मन बनाया था
पहलवान विनेश फोगाट ने कहा, ”कोच महिलाओं को प्रताड़ित कर रहे हैं और फेडरेशन के चहेते कुछ कोच महिला कोचों के साथ भी बदसलूकी करते हैं. वे लड़कियों का यौन उत्पीड़न करते हैं। डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने कई लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया।”
बजरंग पूनिया ने कहा, ”डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष को हटाए जाने तक हम किसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लेंगे।”
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महिला पहलवान विनेश फोगाट ने आगे कहा, ”मुझे डब्ल्यूएफआई (भारतीय कुश्ती महासंघ) के अधिकारियों से जान से मारने की धमकी मिली है। मैंने इसके खिलाफ आवाज उठाई। बृजभूषण सहारन सिंह महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न कर रहे थे। कोई भी चोटों के लिए जिम्मेदारी नहीं लेता है। वे राष्ट्रीय स्तर पर पहलवानों पर प्रतिबंध लगाने की बात करते हैं। डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने मुझे खोटा सिक्का (बेकार) कहा। मैं आत्महत्या करना चाहती थी।”