काठमांडू: भारत और नेपाल को जोड़ने वाली जयनगर-बिजलपुरा-बरदीबास रेल लाइन के एक खंड का परिचालन रविवार को शुरू हो गया। यहां अधिकारियों ने यह जानकारी दी। भारतीय दूतावास ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि नेपाल के भौतिक बुनियादी ढांचे एवं परिवहन मंत्री प्रकाश ज्वाला ने बिजलपुरा में सीमा पार रेल लाइन के कुर्था-बिजलपुरा खंड पर परिचालन की शुरुआत की। इस अवसर पर भारतीय दूतावास के उप प्रमुख प्रसन्ना श्रीवास्तव, मधेश प्रदेश के स्थानीय नेता और सरकारी अधिकारी भी उपस्थित थे।इस अवसर पर ज्वाला ने कहा, “यह रेल कनेक्टिविटी दोनों देशों के बीच लोगों के बीच संबंधों को जबरदस्त बढ़ावा देगी और नेपाल में व्यापार एवं पर्यटन को बढ़ाएगी।” कुर्था-बिजलपुरा लाइन की कुल लंबाई 17.3 किलोमीटर है और इस खंड पर पांच स्टेशन कुर्था, पिपरादी, लोहारपट्टी, सिंग्याही और बिजलपुरा हैं।विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह भारत की 783.83 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता के तहत बनाई जा रही 68.7 किलोमीटर लंबी जयनगर-बिजलपुरा-बरदीबास सीमा पार रेल लाइन परियोजना का दूसरा चरण है।
जयनगर से कुर्था तक पहले चरण का उद्घाटन पिछले साल अप्रैल में किया गया था और तब से यह चालू है। बिजलपुरा को बर्दीबास से जोड़ने वाले तीसरे चरण के लिए भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है। पिछले महीने प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचंड’ की भारत यात्रा के दौरान कुर्था-बिजलपुरा रेल खंड नेपाल सरकार को सौंप दिया गया था।
जयनगर से कुर्था तक पहले चरण का उद्घाटन पिछले साल अप्रैल में किया गया था और तब से यह चालू है। बिजलपुरा को बर्दीबास से जोड़ने वाले तीसरे चरण के लिए भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है। पिछले महीने प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचंड’ की भारत यात्रा के दौरान कुर्था-बिजलपुरा रेल खंड नेपाल सरकार को सौंप दिया गया था।
भारत और नेपाल के बीच सीमा को लेकर पुराना विवाद है। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के कार्यकाल में भारत नेपाल के बीच सीमा विवाद चरम पर पहुंच गया था। इसके अलावा नेपाल की चीन से बढ़ती नजदीकियां भी भारत के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं। चीन ने नेपाल में भारी मात्रा में निवेश किया है। वह अपनी महत्वकांक्षी योजना बीआरआई के अंतर्गत नेपाल में निवेश कर रहा है।