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भारत ने एशियाई पैरा खेलों 2023 में स्टार निशानेबाज अवनी लेखरा की अगुवाई में सोमवार को छह स्वर्ण सहित कुल 17 पदक जीते, जिससे वह प्रतियोगिता के पहले दिन चौथे स्थान पर रहा। भारत ने पहले दिन छह स्वर्ण, छह रजत और पांच कांस्य पदक जीते। वह पदक तालिका में मेजबान चीन (31 स्वर्ण, 29 रजत, 23 कांस्य), ईरान (9 स्वर्ण, 9 रजत, 6 कांस्य) और उज्बेकिस्तान (6 स्वर्ण, 6 रजत, 8 कांस्य) के बाद चौथे स्थान पर है। भारत ने उम्मीद के मुताबिक ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धा में सर्वाधिक 11 पदक हासिल किए। इनमें पांच स्वर्ण पदक भी शामिल हैं। दिन की शुरुआत में प्रणव सूरमा ने पुरुषों की क्लब थ्रो एफ51 स्पर्धा में स्वर्ण जीता। इस स्पर्धा का रजत और कांस्य पदक भी भारतीय खिलाड़ियों के नाम रहा।
सूरमा ने 30.01 मीटर के प्रयास के साथ एशियाई पैरा खेलों का नया रिकॉर्ड कायम करते हुए स्वर्ण पदक जीता, जबकि धरमबीर (28.76 मीटर) और अमित कुमार (26.93 मीटर) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। इस स्पर्धा में केवल चार प्रतियोगी थे, जिसमें सऊदी अरब के राधी अली अलार्थी 23.77 मीटर के थ्रो के साथ अंतिम स्थान पर रहे। सूरमा 16 साल की उम्र में दुर्घटना का शिकार हुए थे जिसमें उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई। वह इससे लकवाग्रस्त हो गए। इसके बाद पैरा खेलों में हाथ आजमाने का फैसला किया। 29 साल के इस खिलाड़ी ने 2019 बीजिंग विश्व पैरा एथलेटिक्स ग्रां प्री स्पर्धा में रजत पदक जीता था। एफ51 क्लब थ्रो स्पर्धा उन एथलीटों के लिए है जिनकी कमर के आस-पास, पैर और हाथों की गतिविधि काफी हद तक प्रभावित रहती है। इसमें प्रतियोगी बैठकर प्रतिस्पर्धा करते हैं और कंधों तथा बांह के ताकत पर निर्भर रहते हैं।
टोक्यो पैरालंपिक में स्वर्ण जीतने वाली देश की पहली निशानेबाज अवनी लेखरा ने भी एशियाई खेलों में रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया। अवनी ने महिलाओं की आर2 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 श्रेणी में 249.6 अंक के इन खेलों के रिकॉर्ड स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। इस स्पर्धा में एक अन्य भारतीय पैरा निशानेबाज मोना अग्रवाल छठे स्थान पर रहीं। अवनी ने बाद में कहा,”यह स्वर्ण पदक मेरे लिए विशेष है क्योंकि यह एशियाई पैरा खेलों में मेरा पहला पदक है। यह खेल 2024 में होने वाले पैरालंपिक खेलों के लिए मेरी तैयारी का हिस्सा हैं।” निशानेबाजी में ही रुद्रांश खंडेलवाल ने पी4 मिश्रित 50 मीटर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा में रजत पदक जीता। नवंबर 2001 में जयपुर में जन्मी अवनी 2012 में एक सड़क दुर्घटना का शिकार हो गईं, जिसके बाद से वह व्हीलचेयर पर है।
ओलंपिक चैंपियन अभिनव बिंद्रा से प्रेरित होकर उन्होंने 2015 में निशानेबाजी में हाथ आजमाना शुरू किया और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अवनी 2020 तोक्यो पैरालंपिक में अपने शानदार प्रदर्शन से सुर्खियों में आईं थी। वह इन खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। उन्होंने ने 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में कांस्य पदक भी जीता था। पुरुषों की ऊंची कूद टी63 श्रेणी में भी भारत के खिलाड़ी शीर्ष तीन स्थान पर रहे लेकिन एशियाई पैरालंपिक समिति (एपीसी) नियमों के तहत इस स्पर्धा में केवल स्वर्ण और रजत प्रदान किए गए। इस स्पर्धा में सिर्फ तीन भारतीयों ने ही चुनौती पेश की थी। एपीसी के ‘माइनस वन नियम’ के तहत, शैलेश कुमार ने में 1.82 मीटर की रिकॉर्ड छलांग के साथ स्वर्ण पदक जीता, जबकि मरियप्पन थंगावेलु (1.80 मीटर) ने रजत पदक जीता। एपीसी नियमों के तहत गोविंदभाई रामसिंगभाई पाधियार (1.78 मीटर) कांस्य नहीं जीत सकते।
तीनों पदक जीतने के लिए कम से कम चार एथलीटों का मैदान में होना जरूरी है। थंगावेलु ने 2016 रियो पैरालंपिक में ऊंची कूद टी42 श्रेणी में स्वर्ण पदक और तोक्यो पैरालंपिक में टी63 में रजत पदक जीता था। टी63 वर्ग में एथलीट घुटने के ऊपर एक पैर में विकार के कारण कृत्रिम अंग के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं। निषाद कुमार ने पुरुषों की ऊंची कूद टी47 वर्ग में 2.02 मीटर के प्रयास के साथ भारत के लिए दिन का तीसरा स्वर्ण पदक जीता। इस स्पर्धा में हमवतन राम पाल ने 1.94 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक जीता। टी47 वर्गीकरण कोहनी या कलाई के नीचे के अंग में विकार वाले खिलाड़ियों के लिए है। दिन के दो अंतिम स्वर्ण पदक अंकुर धामा और प्रवीण कुमार ने क्रमश: पुरुषों की 5000 मीटर टी11 और ऊंची कूद टी64 स्पर्धा में जीते।
अंकुर ने 16:37.29 का समय लेकर दौड़ जीती, जिसमें लगभग पूरी तरह से दृष्टिबाधित धावकों ने प्रतिस्पर्धा की। प्रवीण ने 2.02 मीटर कूद लगाकर खेलों का नया रिकॉर्ड बनाया। एक अन्य भारतीय रेनू उन्नी ने ऊंची कूद टी64 में कांस्य पदक जीता। मोनू घनगास ने पुरुषों की गोला फेंक एफ11 स्पर्धा में 12.33 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक जीता। महिलाओं की कैनो वीएल2 स्पर्धा में प्राची यादव ने 1:03.147 के समय के साथ रजत पदक हासिल किया। जूडो में कपिल परमार ने पुरुषों की 60 किग्रा जे1 स्पर्धा में रजत पदक, जबकि कोकिला ने महिलाओं की 48 किग्रा जे2 वर्ग में कांस्य पदक जीता। ताइक्वांडो में अरुणा ने महिलाओं की 47 किग्रा के44 स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया।