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India-Pakistan Tension News: अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा वेपन एक्सपोर्टर है. दुनिया के अनेक देश यूएसए से हथियार खरीदते हैं. वॉशिंगटन अपनी शर्तों पर इसे बेचता है.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने तुर्की के साथ AMRAAM मिसाइल डील की है. (फोटो: एपी)
हाइलाइट्स
- ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की ने आतंकियों के आका पाकिस्तान का साथ दिया था
- साल 2019 में पाकिस्तान ने अमेरिकी AMRAAM मिसाइल का इस्तेमाल किया था
- अल्ट्रा मॉडर्न मिसाइल को F-16 फाइटर जेट में ही फिट कर यूज किया जा सकता है
नई दिल्ली. भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले का बदला ले लिया है. ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान और वहां मौजूद आतंकी संगठनों को ऐसा जख्म दिया है, जिन्हें वे आसानी से भुला नहीं पाएंगे. आतंकियों के आका पाकिस्तान ने भी भारत पर हमले की कोशिश की थी, जिसे देश के मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम ने नाकाम कर दिया था. इस दौरान तुर्की, चीन और अजरबैजान आतंकवादियों का साथ देते हुए पाकिस्तान के साथ खड़े हो गए. तुर्की और चीन ने तो पाकिस्तान को ड्रोन, मिसाइल, फाइटर जेट और अन्य हथियार तक मुहैया कराए. पाकिस्तानी सेना ने तुर्की के ड्रोन से भारत पर अटैक भी किया. भारत ने तुर्की की इस करतूत को पूरी दुनिया के सामने सबूत के साथ पेश किया. अब डोनाल्ड ट्रंप की सरकार आतंकवादियों के समर्थक उसी तुर्की को आधुनिक मिसाइल की खेप बेचने जा रहा है. खतरनाक बात यह है कि साल 2019 के सैन्य टकराव में पाकिस्तान ने इसी मिसाइल का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया था. ट्रंप सरकार के इस कदम से नई दिल्ली की चिंताएं बढ़ गई हैं.
जानकारी के अनुसार, अमेरिका की ट्रंप सरकार ने तुर्की के साथ AMRAAM मिसाइल बेचने की डील की है. यह डिफेंस डील 225 मिलियन डॉलर (19,26,01,46,250 रुपये) की है, जिसके तहत वॉशिंगटन की ओर से तुर्की को AIM-120C-8 एडवांस्ड मीडियम रेंज एयर टू एयर मिसाइल (AMRAAM) मुहैया कराई जाएगी. इसके साथ ही डील मे सपोर्टिंग इक्विपमेंट एक्सपोर्ट करने का भी उल्लेख है. यह मिसाइल तुर्की के जरिये पाकिस्तान भी हासिल कर रहा है. भारत के खिलाफ इस मिसाइल का इस्तेमाल भी किया जा चुका है. ‘इकोनोमिक टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार ने साल 2019 में पाकिस्तान द्वारा एफ-16 फाइटर जेट और AMRAAM मिसाइल का यूज करने के सबूत अमेरिका को दिए थे. पाकिस्तानी एयरफोर्स ने इसके जरिये इंडियन मिलिट्री बेस को टारगेट करने का विफल प्रयास किया था. इसके बावजूद ट्रंप सरकार ने तुर्की को यह मिसाइल बेचने की डील की है.
AMRAAM क्यों है खतरनाक
तुर्की ने अमेरिका से 53 AIM-120C-8 AMRAAM देने का अनुरोध किया था.ट्रंप सरकार ने तुर्की के राष्ट्रपति रिसप तैय्यप एर्दोगन की मांग को मानते हुए मिसाइल डील की है. अब यहां चौंकाने वाली बात यह है कि पाकिस्तान के पास एफ-16 फाइटर जेट छोड़ कर कोई ऐसा लड़ाकू विमान नहीं है, जिसके जरिये AMRAAM मिसाइल को दागा जा सके. AMRAAM एयर टू एयर मिसाइल है, जो विजुअल रेंज से बाहर होता है, ऐसे में इस पकड़ पाना काफी मुश्किल होता है. अमेरिका-तुर्की के बीच इस डील से एक बार फिर से AMRAAM मिसाइल के पाकिस्तान के हाथ में आने की आशंका बढ़ गई है. वहीं, अमेरिका की डिफेंस कोऑपरेशन एजेंसी का कहना है कि इस डील से नाटो सदस्य देशों के साथ रिलेशन और मजबूत होगा.
आतंकियों का यार तुर्की
पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकवादियों ने धर्म पूछकर हिन्दू पर्यटकों की हत्या की थी. इससे पूरे भारत में गम और गुस्से का आलम था. मोदी सरकार ने साफ तौर पर कहा था कि आतंकवादियों और उन्हें पनाह देने वालों का बख्शा नहीं जाएगा. इसके बाद इंडियन आर्म्ड फोर्सेज ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च कर पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकवादियों के 9 अड्डों को तबाह कर दिया था. पाकिस्तान ने इसके जवाब में भारत पर ड्रोन और मिसाइल दागे थे, जिसे इंडियन एयर डिफेंस सिस्टम ने नाकाम कर दिया था. पाकिस्तान की ओर से तुर्की के ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था, जिससे जुड़े सबूत भारत ने पूरी दुनिया को दिखाया था.

बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु…और पढ़ें
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