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रूस भारत को इग्ला-एस एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सप्लाई करने के लिए तैयार है। रॉयटर्स ने रूसी समाचार एजेंसी टीएएसएस के हवाले से मंगलवार को यह जानकारी दी। इसमें बताया गया कि रूस ने भारत को Igla-S देने को लेकर एक करार पर हस्ताक्षर किए हैं। साथ ही लाइसेंस के तहत इग्ला के प्रोडक्शन को लेकर भी समझौता हुआ है। मालूम हो कि इग्ला-एस हाथ से पकड़ी जा सकने वाली विमान भेदी मिसाइल है। यह मैन-पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम (MANPADS) है जिसे कोई व्यक्ति या ग्रुप दुश्मन के विमान को मार गिराने के लिए दाग सकता है।
सरकारी हथियार निर्यातक रोसोबोरोनेक्सपोर्ट के प्रमुख अलेक्जेंडर मिखेयेव ने कहा, ‘हमने पहले ही संबंधित दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। अब भारतीय निजी कंपनी के साथ मिलकर इंडिया में इग्ला-एस MANPADS का प्रोडक्शन शुरू करने वाले हैं।’ बता दें कि रूस अभी भी भारत के लिए हथियारों का सबसे बड़ा निर्यातक देश बना हुआ है। यह जरूर है कि यूक्रेन युद्ध के चलते रूसी सेना और उसके हथियारों के जखीरे को लेकर कुछ सवाल उठे हैं। यूक्रेन की ओर से रूस को कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा है। हालांकि, यह भी याद रखना चाहिए कि कीव को पश्चिमी देश लगातार हथियार और गोला-बारूद मुहैया कराते रहे हैं।
भारत के हथियारों के आयात में रूस का हिस्सा 45%
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने भारत और दूसरे देशों के बीच हथियारों की हुई खरीद-फरोख्त को लेकर आंकड़े जारी किए हैं। इसके मुताबिक, 2018 और 2022 के बीच भारत के हथियारों के आयात में रूस का हिस्सा 45 प्रतिशत था। इसमें फ्रांस ने 29 प्रतिशत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने 11 फीसदी का योगदान दिया। इस बीच, अलेक्जेंडर मिखेयेव ने कहा कि रोसोबोरोनेक्सपोर्ट भारतीय निजी और सार्वजनिक उद्यमों के साथ विमानन हथियारों के संयुक्त उत्पादन को लेकर काम कर रहा है। साथ ही इन्हें भारत में मौजूदा विमानन बेड़े में शामिल करने की दिशा में भी कदम उठाए जाएंगे।
भारत में कब शुरू होगा इग्ला-एस का प्रोडक्शन?
रॉयटर्स की रिपोर्ट में TASS का हवाला देते हुए बताया, ‘इसे लेकर अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गई है कि कौन सी भारतीय कंपनियां इसमें शामिल होंगी या फिर भारत में इनका उत्पादन कब से शुरू होगा।’ वहीं, सरकारी हथियार निर्यातक कंपनी के प्रमुख ने कहा कि रोसोबोरोनेक्सपोर्ट और भारतीय भागीदारों ने भारतीय रक्षा मंत्रालय को Su-30MKI लड़ाकू जेट, टैंक, बख्तरबंद वाहन और गोले मुहैआ कराए हैं। इसके अलावा, इस साल की शुरुआत से ही भारत और रूस ने AK-203 कलाश्निकोव असॉल्ट राइफलों का संयुक्त उत्पादन चालू कर दिया है।