Thursday, March 13, 2025
Google search engine
HomeWorldभारत ने किया किनारा तो नेपाल के लिए गले की फांस बनेगा...

भारत ने किया किनारा तो नेपाल के लिए गले की फांस बनेगा 22 अरब रुपये का पोखरा एयरपोर्ट, चीन ने फेंका जाल


काठमांडू: नेपाल में पोखरा अंतरराष्‍ट्रीय एयरपोर्ट को लेकर शुरू हुआ‍ विवाद खत्‍म होने का नाम नहीं ले रहा है। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्‍प कमल दहल प्रचंड ने चीनी अधिकारियों की मौजूदगी में पोखरा एयरपोर्ट का उद्घाटन किया है। नेपाल के पोखरा एयरपोर्ट को चीन की आर्थिक और तकनीकी मदद से तैयार किया गया है जिसमें 22 अरब रुपये का खर्च आया है। केपी ओली के समर्थन से प्रधानमंत्री बने प्रचंड ने चीन को हिमालय में ट्रेन चलाने का न्‍योता तक दे डाला। वहीं अब नेपाली विशेषज्ञों का कहना है कि अगर भारत ने अपना रुख नहीं बदला तो यह एयरपोर्ट नेपाल के लिए गले की फांस बन सकता है।

इस बीच चीन ने जबरन इस पोखरा एयरपोर्ट प्रॉजेक्‍ट को कर्ज का जाल कही जाने वाली बीआरआई परियोजना का हिस्‍सा बताकर तनाव को और ज्‍यादा भड़का दिया है। चीन का दावा है कि यह एयरपोर्ट उसने अपनी महत्‍वाकांक्षी बेल्‍ट एंड रोड परियोजना के तहत बनाया है लेकिन नेपाल का कहना है कि ऐसा कोई समझौता चीन के साथ नहीं हुआ था। यही नहीं नेपाल ने चीन से मांग की है कि इस परियोजना के लिए दिए पैसे को ‘कर्ज’ की बजाय सहायता में बदला जाए।

इस बीच विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर भारत ने साथ नहीं दिया तो यह अरबों रुपये में बना ड्रीम एयरपोर्ट नेपाल के लिए सफेद हाथी साबित हो सकता है। यह एयरपोर्ट नेपाल के अन्‍नपूर्णा सर्किट को जोड़ता है जो पर्वतारोहियों के बीच बेहद लोकप्रिय है। नेपाल ने इसे इंटरनैशनल एयरपोर्ट तो बना दिया है लेकिन यहां अंतरराष्‍ट्रीय उड़ानों के आने के आसार दूर-दूर तक नहीं दिखाई दे रहे हैं। वहीं चीन के दूतावास ने इसे बीआरआई प्रॉजेक्‍ट का हिस्‍सा बताकर यह साफ कर दिया है कि नेपाल में ड्रैगन का प्रभाव बढ़ता ही जा रहा है।

इस ऐलान के बाद भारत के साथ नेपाल की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। भारत पहले ही चीन की बनाई बिजली को नहीं खरीद रहा है और चीन के बनाए भैरवा एयरपोर्ट से किनारा कर रखा है। नेपाली अधिकारियों का कहना है कि चीन बनाम भारत की इस लड़ाई में हार नेपाल की होने जा रही है। चीन में नेपाल की पूर्व राजदूत तांका कार्की ने काठमांडू पोस्‍ट से कहा कि भूराजनीतिक तनाव के बढ़ने से नेपाल की मुश्किलें और ज्‍यादा बढ़ने जा रही हैं। उन्‍होंने कहा, ‘नेपाल को शिकार बनाकर सुपरपावर को क्‍या फायदा होने जा रहा है। अगर पश्चिमी देशों ने चीन के बनाए प्रॉजेक्‍ट को इस्‍तेमाल करने से मना कर दिया और अगर भारत ने चीन के बनाए प्रॉजेक्‍ट को इस्‍तेमाल से खुद को अलग कर लिया तो इससे नेपाल को खुद को ठगा सा महसूस करेगा।’

कार्की ने कहा, ‘अगर हम विदेश से लोन और सहायता चाहते हैं तो हमें इस कोल्‍ड वार से बचना होगा। हमें सबसे पहले अपने घर को सुधारना होगा और भूराजनीतिक कार्ड खेलने की बजाय अपनी जरूरतों को पूरा करना होगा।’ नेपाल ने इस परियोजना के लिए चीन के एग्जिम बैंक से 21 करोड़ 59 लाख डॉलर का भारी भरकम कर्ज ले रखा है। इसे चीन को चुकाने के लिए नेपाल को पोखरा एयरपोर्ट से बड़े पैमाने पर लाभ की जरूरत होगी।



Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments