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चांद पर जाने का भारत का सपना आज साकार हो गया। जी हां, आज 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर ट्विटर के जरिये भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने चन्द्रमा के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की खुशखबरी दी। चांद पर जाने का भारत का ये मिशन इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज हो चुका है। यह पूरे भारत के लिए बेहद ही गर्व और खुशी का समय है। कई प्रयासों के बाद आज भारत ने अपना इतिहास रचा है। 3 बजकर 35 मिनट पर 14 जुलाई को चंद्रयान-3 आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लांच हुआ था। ऐसा माना जा रहा है चंद्रयान-3 41 दिनों में 3.84 लाख किलोमीटर का सफर तय करेगा। यह भारत का तीसरा चंद्र मिशन था। आइये जानते हैं कहां से हुयी थी इस मिशन की शुरुआत-
चंद्रयान-1
चंद्रमा पर जाने का पहला मिशन 22 अक्टूबर 2008 को शुरू किया गया। भारत सरकार द्वारा इस मिशन की स्वीकृति 2003 में दी गयी थी। 5 साल बाद, 22 अक्टूबर 2008 के दिन चंद्रयान-1 (PSLV-C) रॉकेट श्रीहरी कोटा से लांच किया गया था। चांद पर जल, खनिज और रासायनिक तत्वों का पता लगाने और तस्वीर निकालने के लिए चंद्रयान-1 चंद्रमा की सतह से 100 किमी की ऊंचाई पर चारों ओर परिक्रमा कर रहा था। सभी उद्देश्यों को पूरा करने के बाद चंद्रयान-1 की कक्षा 200 किमी तक मई 2009 में बढ़ाई गयी थी। वहीं, इस दौरान एक हॉरिजॉन्टल गुफा जैसी संरचना, जिसे लावा क्यूब के नाम से जाना जाता है, चंद्रमा की सतह पर प्राप्त हुयी थी। इस मिशन में चंद्रयान-1 चंद्रमा की कक्षा में 312 दिन तक रहा साथ ही 3400 बार से अधिक चंद्रमा की परिक्रमा भी की थी। इस मिशन की अवधि लगभग 2 साल रखी गयी थी लेकिन संपर्क टूटने के कारण 29 अगस्त 2009 के दिन इस मिशन को समाप्त कर दिया गया था।
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चंद्रयान-2
चंद्रमा पर जाने का दूसरा मिशन चंद्रयान-2 था, जिसमें लैंडर, रोवर और ऑर्बिटर शामिल थे। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंड करने के बाद सतह पर रोबोट रोवर को ऑपरेट करना था। इस रोबोट की मदद से चंद्रमा पर मौजूद खनिजों का पता लगाना, वातावरण को स्कैन करना और पानी मौजूद है या नहीं इसका पता लगाकर चंद्रमा की सतह का नक्शा तैयार करना था। यह मिशन भारत के लिए जितना जटिल था उतना ही महत्वपूर्ण भी था। वहीं, दुर्भाग्यवश चंद्रयान-2 2019 में चंद्रमा की सतह पर उतने में सफल नहीं हो पाया था।
चंद्रयान-3
वहीं, चंद्रमा पर जाने का तीसरा मिशन चंद्रयान-3 आज सफलतापूर्वक चंद्रमा पर उतर चुका है। एलवीएम एम-4 रॉकेट ने चंद्रमा के सतह पर आज शाम लैंडिंग कर ली है, जिससे भारत चांद पर पहुंचने वाला चौथा देश बन गया है। आज का दिन हर भारतवासी के लिए बेहद खास दिन है। वहीं, सब ठीक रहा तो भारत जो 2019 में नहीं कर सका, वह इस बार कर दिखाएगा।