Home World भारत-ब्रिटेन की ट्रेड डील पर मंडराया खतरा! जी20 में पीएम ऋषि सुनक ने समझौता होने से किया इनकार

भारत-ब्रिटेन की ट्रेड डील पर मंडराया खतरा! जी20 में पीएम ऋषि सुनक ने समझौता होने से किया इनकार

0
भारत-ब्रिटेन की ट्रेड डील पर मंडराया खतरा! जी20 में पीएम ऋषि सुनक ने समझौता होने से किया इनकार

[ad_1]

लंदन: भारत और यूके के बीच होने वाली एक अहम डील खतरे में आ गई है। ब्रिटेन की मीडिया में आ रही खबरों से तो कम से कम ऐसा ही लगता है। ब्रिटिश मीडिया ने यूके के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के हवाले से लिखा है कि नौ और 10 सितंबर को जब नई दिल्‍ली में जी20 सम्‍मेलन का आयोजन होगा, तो उस समय इस डील के साइन होने की कोई संभावना नहीं है। सुनक ने भारत के साथ एक त्वरित व्यापार समझौते से इनकार कर दिया है। अब माना जा रहा है कि इस डील का शायद अगले साल के चुनावों तक भी हो पाना असंभव हो गया है।

सुनक की जमकर आलोचना
यूके के पीएम सुनक को भारत के साथ इस डील की वजह से काफी आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा है। माना जा रहा है कि सरकार के अंदर कुछ मंत्रियों को इस डील से आपत्ति थी। इस वजह से अब यूके ने समझौते से अपने पैर पीछे खींच लिए हैं। अखबार गार्डियन के मुताबिक ट्रेड डील में शामिल करीबी सूत्रों की मानें तो पीएम सुनक ने ‘अर्ली हार्वेस्‍ट’ के विचार को खारिज कर दिया है। इसके तहत व्हिस्की जैसी वस्तुओं पर टैरिफ को कम करना था। लेकिन यह डील प्रोफेशनल सर्विसेज जैसे जटिल विषयों को सुलझाने में असफल है।

कहा जा रहा है कि जी20 सम्‍मेलन के लिए भारत आ रहे सुनक के अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी से मिलने से पहले किसी भी समझौते के होने की संभावना समाप्त हो गई है। अब कई लोग मान रहे हैं कि दोनों देशों के बीच साल 2024 में चुनाव होने से पहले कोई समझौता होना मुश्किल है। हालांकि यूके सरकार में कुछ लोगों का अभी भी मानना है कि इसे इस साल के अंत में फाइनल किया जा सकता है।

समझौता अभी कोसो दूर
इस पूरी स्थिति का मतलब यही है कि भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता अभी भी दूर है। इसे ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन के लिए सबसे बड़े अवसरों में से एक के रूप में लंबे समय से माना जाता है। पिछले साल दिवाली तक एक समझौते की बात थी। यूके के व्‍यापार मंत्री केमी बैडेनोच और पीएम ऋषि सुनक ने फैसला किया है कि वे उस रास्ते पर नहीं जाना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने समय सीमा को समाप्त कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि भारत वस्तुओं पर एक प्रारंभिक समझौता करना चाहता है। लेकिन जोखिम यह है कि इसके बजाय इससे एक व्यापक व्यापार समझौते की शुरुआत हो सकती है। इस डील से ब्रिटेन को वह कुछ भी नहीं मिलता है जो वह चाहता है।

कई सालों से जारी है बातचीत
हालांकि, बातचीत वर्षों से चल रही है और निकट समाप्ति के करीब नहीं पहुंच रही है। पूर्व पीएम बोरिस नसन और उनकी उत्तराधिकारी लिज ट्रस दोनों ने पिछले साल दिवाली तक एक समझौते का वादा किया था, जो अक्टूबर में पड़ा था, लेकिन लगभग एक साल बाद उन लोगों के पास जो बातचीत के करीब हैं, उनका कहना है कि बड़े क्षेत्रों में असहमति बनी हुई है। भारत ब्रिटेन का 12 वां सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है। सूत्रों के मुताबिक, इस हफ्ते एक छोटी डील होनी थी लेकिन सुनक और बैडेनोच ने इस तरह के विचार को अस्वीकार कर दिया है। उन्हें डर है कि इससे अधिक व्यापक समझौते का लक्ष्य असंभव हो जाएगा।

[ad_2]

Source link