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एशिया के सबसे अमीर शख्स, मुकेश अंबानी ने 1970 के दशक के एक प्रतिष्ठित सोडा ब्रांड (कैम्पा कोला) को फिर से लॉन्च करने की घोषणा की है। यह सोडा ब्रांड कभी कोका-कोला और पेप्सी को टक्कर दिया करता था। अंबानी की इस घोषणा से सोशल मीडिया पर उन लाखों भारतीयों के बीच पुराने ब्रांड की ललक पैदा हो गई है, जो इस पेय को पीते हुए बड़े हुए हैं।
मुकेश अंबानी के रिलायंस समूह के कोल्ड ड्रिंक बाजार में उतरने से इस साल कोल्ड ड्रिक्स वार छिड़ने की संभावना है। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस समूह ने इस सप्ताह कहा कि वह कैम्पा कोला को इस गर्मी में भारत के अरबों डॉलर के गैर-मादक पेय बाजार में तीन स्वादों (कोला, नींबू और नारंगी) में फिर से लॉन्च करेगा।
इस ब्रांड ने अपने उत्पाद बंद कर ऐसे समय में बाजार में मायूसी ला दिया था, जब इसका अमेरिकी प्रतिद्वंद्वी कोका-कोला भी उपलब्ध नहीं था। अब इसकी बाजार में वापसी की खबर ने अधेड़ उम्र वर्ग के भारतीयों में फिर से पुराने पेय के प्रति रुचि पैदा कर दी है।
बता दें कि कोका-कोला ने भारत में 1950 के दशक में दस्तक दी थी लेकिन दो दशक बाद ही इसे बाजार से वापस ले लिया गया था। तब भारत सरकार ने एक विनियमन पेश किया था जिसमें कहा गया था कि पेय कंपनी को कोल्ड ड्रिंक्स का फार्मूला पेश करना जरूरी होगा। कंपनी ऐसा नहीं कर सकी और उसे पेय पदार्थ वापस लेना पड़ा था।
कोका-कोला के बाजार से हटने के बाद भारतीय बाजार में विकल्प केतौर पर आया कैम्पा कोला बेहद लोकप्रिय हो गया और जल्द ही देश के शीतल पेय बाजार का नेतृत्व करने लगा था। लेकिन इसकी लोकप्रियता 1990 के दशक तक आते-आते फीकी पड़ने लगी, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और उनके वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने विदेशी निवेश का दरवाजा खोल दिया।
इसके बाद अमेरिकी ब्रांड कोका-कोला ने 1993 में कमबैक किया। इसके तुरंत बाद पेप्सी और फन्टा ने भी भारतीय बाजार पर कब्जा करना शुरू कर दिया। उधर कैम्पा कोला विज्ञापनों की चकाचौंध में धीरे-धीरे बाजार से गुम होता चला गया।