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हाइलाइट्स
डायबिटीज की बीमारी भारत में तेजी से बढ़ रही है.
डायबिटीज को साइलेंट किलर भी माना जाता है.
Diabetes Risk After 40 Age: साइलेंट किलर के तौर पर पहचाने वाली बीमारी डायबिटीज के मरीज दुनियाभर में काफी तेज़ी से बढ़ रहे हैं. भारत में तो इस बीमारी की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी दिखाई देने लगी हैं. वैसे तो डायबिटीज किसी भी उम्र में हो जाने वाली बीमारी है लेकिन बढ़ती उम्र के साथ बरती गई लापरवाही आपको डायबिटीज का मरीज बना सकती है. हाल ही में यूके मेडिकल जर्नल ‘लैंसेट’ में प्रकाशित आईसीएमआर के एक स्टडी के अनुसार इस वक्त भारत में 101 मिलियन से अधिक लोग डायबिटीज के शिकार हो चुके हैं. ऐसे में आप अगर 40 की उम्र को पार कर गए हैं और हेल्दी हैं तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखकर खुद को इस बीमारी के होने से बचा सकते हैं.
40 की उम्र के बाद की गई आपकी छोटी-छोटी गलतियां आपको प्री-डायबिटीक या फिर डायबिटीज का मरीज बना सकती हैं. मुंबई के फोर्टिस हीरानंदानी हॉस्टिपटल के इंटरनल मेडिसीन विभाग की डायरेक्टर डॉ. फराह इंगले कहती हैं कि 40 की उम्र पार करने के बाद लाइफस्टाइल में बदलाव के साथ ही सही खान-पान और रेगुलर स्क्रीनिंग से डायबिटीज की बीमारी से बहुत हद तक बचा जा सकता है.
4 गलतियां बना सकती हैं डायबिटीज का मरीज
लाइफस्टाइल – डायबिटीज की बीमारी होने में लाइफस्टाइल अहम भूमिका निभाती है. आजकल की बदली लाइफस्टाइल के चलते कम उम्र में ही लोग डायबिटीज के शिकार होने लगे हैं. देर तक जागना, सुबह लेट उठना, पर्याप्त शारीरिक मेहनत की कमी, ज्यादातर वक्त बैठे रहना जैसी आदतें अनजाने में ही डायबिटीज की बीमारी को बुलावा दे सकती है. 40 की उम्र के बाद भी अगर आप इसी लाइफस्टाइल को फॉलो कर रहे हैं तो हेल्दी रहने के लिए आज से ही इसे बदलना जरूरी है.
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खान-पान – लाइफस्टाइल के साथ ही हमारा खान-पान भी डायबिटीज की बीमारी की तरफ हमें मोड़ सकता है. आजकल के फास्ट फूड के दौर में खान-पान का सही ध्यान रखना बेहद जरूरी हो गया है. गलत खान-पान के चलते डायबिटीज का रिस्क बढ़ जाता है. आप अगर प्री डायबिटीक हैं तो ये खतरा और भी बढ़ता है. ऐसे में खुद को हेल्दी रखने के लिए हरी सब्जियों को डाइट में शामिल करने के साथ ही खानपान में बदलाव जरूरी है.
वेट कंट्रोल – बदलती जीवनशैली के साथ ही लोगों ने रूटीन एक्सरसाइज़ पर ध्यान देना बंद कर दिया है. लेकिन हम आपको बता दें कि 40 की उम्र के बाद डेली एक्सरसाइज़ करना बेहद जरूरी है. ये आपके डायबिटीक के रिस्क को कम करने में काफी मददगार हो सकती है. नियमित एक्सरसाइज न करने का असर आपके बढ़े वजन के रूप में सामने आता है जो कि डायबिटीज के लिए भी जिम्मेदार होता है.
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स्ट्रेस – आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लगभग हर इंसान तनाव में नजर आता है. बढ़ती उम्र के साथ अगर स्ट्रेस लेवल को कम न किया जाए तो ये कई बड़ी बीमारियों की वजह बन सकता है. डायबिटीज भी उनमें से ही एक है. ऐसे में जरूरी है कि 40 की उम्र के बाद स्ट्रेस लेवल को कम करने के उपाय किए जाएं. आधा घंटे की फिजिकल एक्टिविटी या रेलेक्सेशन टेक्नीक स्ट्रेस को घटाने में मददगार हो सकती है.
रेगुलर चेकअप है जरूरी
बढ़ती उम्र के साथ टाइप-2 डायबिटीज का रिस्क काफी बढ़ जाता है. ऐसे में इस बीमारी से बचने के लिए पुरानी आदतों को छोड़ना और नई अच्छी आदतों को अपनाना बेहद जरूरी है. कुछ आदतों को अपने डेली रूटीन में शामिल कर डायबिटीज के रिस्क को कम किया जा सकता है. 40 की उम्र के बाद आप भले ही खुद को हेल्दी महसूस कर रहे हों लेकिन रेगुलर स्क्रीनिंग करना जरूरी होता है. डायबिटीज के खतरे की समय पर पहचान हो सके इसके लिए समय समय पर Hb1c टेस्ट कराया जा सकता है. इससे हर तीन महीने की शुगर का लेवल पता लग सकता है.
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Tags: Diabetes, Health, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : June 09, 2023, 15:31 IST
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