Wednesday, April 16, 2025
Google search engine
HomeWorldभारत-रूस दोस्‍ती पर यूक्रेन युद्ध का साया, हथियार बाजार में बादशाहत पर...

भारत-रूस दोस्‍ती पर यूक्रेन युद्ध का साया, हथियार बाजार में बादशाहत पर खतरा


स्‍टॉकहोम: भारत समेत दुनियाभर में हथियारों की खरीद पर सिप्री की ताजा रिपोर्ट आ गई है। रूस अभी भी भारत का सबसे बड़ा हथियार सप्‍लायर बना हुआ है लेकिन उसकी बादशाहत पर बहुत तेजी खतरा मंडरा रहा है। वहीं राफेल फाइटर जेट डील करने वाले फ्रांस ने भारतीय हथियार बाजार में अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है। रूस अभी भी भारत को सबसे ज्‍यादा हथियारों की सप्‍लाई करने वाला देश बना हुआ है। साल 2018 से 2022 के बीच में भारत के हथियारों के कुल आयात में रूस का हिस्‍सा मात्र 45 फीसदी ही रह गया है। इससे पहले रूस का हिस्‍सा 64 फीसदी तक रहता था।

दुनियाभर में हथियारों की खरीद पर नजर रखने वाली प्रतिष्ठित संस्‍था सिप्री की मंगलवार को जारी ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अभी दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातकर्ता देश है। यही नहीं भारत रूस से हथियार खरीदने वाला सबसे बड़ा देश बना हुआ है। सिप्री की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन और पाकिस्‍तान के साथ तनाव को देखते हुए भारत ने हथियारों का आयात बढ़ा दिया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भारत के चीन और पाकिस्‍तान के साथ तनाव के कारण ही मुख्‍य रूप से हथियारों की डिमांड बढ़ रही है।’

India Russia Vs China: भारत को ख्रुश्‍चेव जैसा ‘धोखा’ दे सकते हैं पुतिन, रूस पर क्‍यों चेतावनी दे रहे विशेषज्ञ, मिग-21 की कहानी
दुनिया का सबसे बड़ा हथियार खरीदने वाला देश है भारत

सिप्री ने कहा, ‘दुनिया के कुल हथियार आयात में भारत का हिस्‍सा 11 प्रतिशत है और साल 2018 से 22 के बीच में भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार खरीदने वाला देश रहा। भारत साल 1993 से लेकर 2022 के बीच में दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातकर्ता देश बना हुआ है।’ इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने रूस, फ्रांस, अमेरिका और अन्‍य देशों के साथ हथियारों की खरीद को कम कर दिया है। इसकी वजह यह है कि भारत सरकार आत्‍मनिर्भर भारत को बढ़ावा रही है और देश में हथियारों को बनाने पर जोर है।

Russia Ukraine War : रूस-यूक्रेन जंग को 1 साल पूरा, पुतिन ने अब तक कितना पैसा फूंक डाला?

सिप्री के आंकड़े के मुताबिक रूस अभी भी भारत का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता देश बना हुआ है। फ्रांस और अमेरिका के साथ व्‍यापक प्रतिस्‍पर्द्धा के कारण रूस के मार्केट शेयर में गिरावट आई है। भारत ने यूक्रेन युद्ध को देखते हुए स्‍वदेशी रास्‍ते से हथियारों की खरीद पर ज्‍यादा फोकस कर लिया है। साल 2018 से 2022 के बीच में शीर्ष 5 हथियार आयातकर्ता देशों में क्रमश: भारत, सऊदी अरब, कतर, ऑस्‍ट्रेलिया और चीन शामिल हैं। इन पांच देशों ने दुनिया के कुल हथियार आयात में 36 फीसदी का योगदान दिया।
Putin India Visit: दिल्ली में आमने-सामने होंगे पुतिन और पूरा पश्चिम! तीन साल में पहली बार जी-20 मीटिंग में हिस्सा लें सकते हैं रूसी राष्ट्रपति

चीन ने पाकिस्‍तान को सबसे ज्‍यादा बेचा हथियार

के वरिष्‍ठ शोधकर्ता साइमन टी वेजेमन ने कहा, ‘ऐसी संभावना है कि यूक्रेन पर हमले की वजह से रूस के हथियारों का निर्यात और भी कम होगा। इसकी वजह यह भी है कि रूस अपनी सेना को पहले हथियार देगा और पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों की वजह से रूस से अन्‍य देश हथियारों की खरीद करना कम चाहेंगे। इसके अलावा अमेरिका और अन्‍य सहयोगी देशों से रूसी हथियार नहीं खरीदने को लेकर दबाव लगातार बढ़ रहा है।’ वहीं फ्रांस अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए भारत में दूसरा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक देश बन गया है।

भारत ने फ्रांस से फाइटर जेट से लेकर सबमरीन तक खरीदे हैं। साल 2013 से लेकर 2017 और साल 2018 से 2022 के बीच में फ्रांस से हथियारों का आयात 489 फीसदी बढ़ा है। फ्रांस के पास अभी रूस से भी ज्‍यादा हथियारों का ऑर्डर है। साल 2018 से 2022 के बीच में अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन और जर्मनी दुनिया में शीर्ष 5 हथियार निर्यातक देश हैं। अमेरिका और फ्रांस के हथियारों का निर्यात बढ़ा है जहां वहीं रूस, चीन और जर्मन के निर्यात में गिरावट आई है। चीन ने दुनिया में 5.2 फीसदी हथियारों का निर्यात किया। इसमें भारत का दुश्‍मन पाकिस्‍तान सबसे बड़ा खरीदार रहा। कंगाल हो चुके पाकिस्‍तान के हथियारों का आयात 14 फीसदी बढ़ा है। वहीं यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक देश बन गया है।



Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments