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पाकिस्तान में नई सरकार का फार्मुला साफ हो गया है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (PMLN) और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) मिलकर सरकार बनाने जा रही हैं। इससे पहले ही पाकिस्तान ने भारत के साथ संबंध सुधारने के भी संकेत दिए हैं। पाकिस्तान ने अपने नए राजनयिक को भारत भेज दिया है। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच में तनाव काफी बढ़ गया था। इसके बाद पाकिस्तान ने अपने उच्चायुक्त को नई दिल्ली से वापस बुला लिया था। जवाब में भारत ने भी अपने राजनयिक को इस्लामाबाद से बुला लिया। अब पाकिस्तान ने साद अहमद वारैच को चार्ज डी अफेयर (CDA) बनाकर नई दिल्ली भेजा है।
वारैच ने 26 फरवरी को सीडीए की जिम्मेदारी संभाली। वह यूएन में इस्लामाबाद के स्थायी प्रतिनिधि के तौर पर काम कर चुके हैं। इसके अलावा वह अफगानिस्तान, ईरान और तुर्की डेस्क पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के डायरेक्टर जनरल रह चुके हैं।
भारत में नेशनल डे मनाएगा पाकिस्तान
पाकिस्तान ने 2019 के बाद नई दिल्ली में अपना नेशनल डे मनाना भी बंद कर दिया था। बता दें कि 23 मार्च को पाकिस्तान में नेशनल डे के तौर पर मनाया जाता है। इसी दिन 1940 में लाहौर अधिवेशन में मुस्लिमों के लिए अलग राष्ट्र बनाने का प्रस्ताव पारित किया था। पाकिस्तान नई दिल्ली स्थित दूतावास में नेशनल डे मनाता था। इस कार्यक्रम में भारतीय अधिकारियों को भी बुलाया जाता था।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इस बार 28 मार्च को नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास में पाकिस्तान का नेशनल डे सिलेब्रेशन हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो पाकिस्तानी उच्चायोग को दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के साथ भी संपर्क करना पड़ेगा। पिछली बार जब पाकिस्तान ने भारत में अपना नेशनल डे मनाया था तो पुलवामा हमले औऱ बालाकोट स्ट्राइक का मुद्दा ताजा था। इसलिए इस कार्यक्रम में जो लोग भी शामिल हुए थे उनसे पुलिस ने पूछताछ भी की थी। वहीं इस्लामाबाद के एक होटल में जब भारतीय उच्चायुक्ति की तरफ से इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया था तो पाकिस्तान की पुलिस ने भी ऐसा ही किया था।
पाकिस्तान तो भारत से संबंध सुधारने की ओर झुका है हालांकि भारत आतंकवाद के मुद्दे पर किसी भी तरह समझौता नहीं करना चाहता। भारत कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहता। पाकिस्तान में अभी स्थायी सरकार का गठन भी नहीं हो पाया है। ऐसे में भारत वहां की राजनीतिक हालात स्पष्ट होने का इंतजार करेगा। पाकिस्तान में पीएमएलएन ने 75 सीटें जीती हैं और पीपीपी के खाते में 54 सीटें आई हैं। बताया जा रहा है कि शहबाज शरीफ एक बार फिर प्रधानमंत्री बनने वाले हैं। नवाज की पार्टी पर सेना का हाथ रहता है इसलिए सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद इमरान खान सरकार नहीं बना पा रहे हैं। वहीं भारत में भी मई के आखिरी तक लोकसभा चुनाव के परिणाम आ सकते हैं।