Home National भीलवाड़ा के श्मशान में भजन-कीर्तन करती है यह महिला, भटकती आत्माओं को दिलाती है मुक्ति

भीलवाड़ा के श्मशान में भजन-कीर्तन करती है यह महिला, भटकती आत्माओं को दिलाती है मुक्ति

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भीलवाड़ा के श्मशान में भजन-कीर्तन करती है यह महिला, भटकती आत्माओं को दिलाती है मुक्ति

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रवि पायक/भीलवाड़ा. हिंदू धर्म में शमशान किसी भी व्यक्ति के जीवन का अंतिम पड़ाव है. यहां पर मृत शरीर को मुक्ति मिलती है, परंतु कई बार व्यक्ति की आत्मा जीवन-मरण के बीच में उलझी हुई रहती है. प्रियजनों को मुखाग्नि देने के बाद वापस हम कभी श्मशान में नहीं जाते. राजस्थान के भीलवाड़ा में एक ऐसी महिला है जो ना केवल श्मशान में जाती है, बल्कि यहां मृत व्यक्तियों की आत्मा की मुक्ति और शांति के लिए भजन-कीर्तन करती है. इस महिला के साथ निरंतर लोग जुड़ते जा रहे हैं.

शहर के सुभाष नगर की रहने वाली राजविंदर कौर उर्फ कारला दीदी बताती हैं कि कुछ साल पहले किसी कारण से मैं हताश हो गई थी. मन बहुत विचलित हो गया था जिसके चलते में श्मशान में गई थी. वहां मैंने देखा कि एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार करने के लिए कुछ लोग आए थे. मगर पूरा अंतिम संस्कार किए बिना ही चले गए. तब मेरे मन में विचार आया कि कुछ लोग तो ऐसे हैं जिनको मरने के बाद भी मुक्ति नसीब नहीं होती. तो वहीं, कुछ के लिए उनके परिजन सत्संग जैसे कई कार्यक्रम करते हैं.

उन्होंने बताया कि तब मैंने सोचा कि क्यों ना शमशान में जाकर सभी धर्म के लोगों की आत्मा को शांति के लिए सत्संग किया जाए. मैंने यह बात अपनी मंडली के समक्ष (सामने) रखी. पहले तो सबने मेरा मजाक उड़ाया, लेकिन बाद में शांति प्रकाश मेहता ने मेरी बात के मर्म को समझा और उसे अमल में लाने की कोशिश की. 5 जनवरी, 2019 को भीलवाड़ा शहर के पंचमुखी मोक्ष धाम में हमारा पहला हरि कीर्तन आयोजित किया गया. बीते चार वर्षों से लगातार मोक्ष धाम में हम हरि कीर्तन कर रहे हैं. इसके पीछे मुख्य उद्देश्य है कि मौत के बाद जिन लोगों को परिवार नसीब नहीं होता है, हम उनकी आत्मा की शांति के लिए हरि कीर्तन व भजन-कीर्तन करते हैं ताकि उन्हें मोक्ष मिल सके.

दूसरी तरफ जाकिर हुसैन कहते हैं जहां पूरे देश में हिंदू मुस्लिम को लेकर तरह-तरह की बातें की जाती हैं. हम साथ मिल कर श्मशान में भजन-कीर्तन करते हैं. जब इस बारे में कारला दीदी ने हमसे बात की तो काफी अच्छा लगा और हमने भी उनका साथ दिया. वहीं, भवानी शंकर ने कहा कि आज मेरी पत्नी की बरसी है. इसको लेकर मैंने गांधी नगर श्मशान में भजन-कीर्तन करवाया है. आम तौर पर कहीं ना कहीं महिला, क्या पुरुष भी शमशान में जाने से कतराते हैं. मगर यहां गांधीनगर में आयोजित हो रहे भजन कीर्तन सत्संग में महिलाएं भी भजन-कीर्तन का आनंद लेते हुए दिखती हैं.

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FIRST PUBLISHED : June 03, 2023, 13:09 IST

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