पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अब भ्रष्टाचार के एक नए मामले में फंस गए हैं। ऐसे में अब जल्द उनका जेल से बाहर निकल पाना मुश्किल हो गया है। इमरान खान पहले से ही तोशाखान भ्रष्टाचार मामले में जेल में हैं। पाकिस्तान में आगामी फरवरी में आम चुनाव होना है। ऐसे वक्त में इमरान पर नया मुकदमा दर्ज होना उनके लिए बहुत बड़े झटके से कम नहीं है। पाकिस्तान की एक जवाबदेही अदालत ने शुक्रवार को जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी समेत अन्य संदिग्ध व्यक्तियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का एक मामला दायर किया।
राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के उप-अभियोजक जनरल मुजफ्फर अब्बासी और जांच अधिकारी उमर नदीम ने इस्लामाबाद की जवाबदेही अदालत में मामला दायर किया। इस मामले में कुल आठ लोगों को आरोपी बनाया गया है जिनमें पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी प्रमुख खान (71) के अलावा उनकी पत्नी बुशरा बीबी, उनकी दोस्त फरहत शहजादी उर्फ फराह गोगी, पीटीआई नेता जुल्फी बुखारी, शहजाद अकबर और बैरिस्टर जिया-उल-मुस्तफा नसीम शामिल हैं।
50 अरब पाकिस्तानी रुपये के निपटान में भ्रष्टाचार
‘जियो न्यूज’ की खबर के अनुसार, एनएबी ने शुक्रवार को 19 करोड़ ब्रिटिश पाउंड (50 अरब पाकिस्तानी रुपये) के निपटान मामले में पूर्व प्रधानमंत्री खान, उनकी पत्नी और अन्य संदिग्धों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दायर किया। यह मामला तब सामने आया जब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने अपनी जांच पूरी कर ली और अदालत ने 19 करोड़ ब्रिटिश पाउंड से जुड़े अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में पीटीआई प्रमुख को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अल-कादिर ट्रस्ट मामला 19 करोड़ ब्रिटिश पाउंड के निपटान से जुड़ा है।
व्यापारी ने इमरान को रिश्वत में दी 57 एकड़ जमीन
ब्रिटेन की राष्ट्रीय अपराध एजेंसी ने पाकिस्तान के एक दिग्गज भूमि संबंधी कारोबारी से रकम वसूलने के बाद इसे पाकिस्तान भेजा था। उस समय प्रधानमंत्री होने के नाते खान ने राष्ट्रीय खजाने में इस रकम को जमा कराने के बजाय व्यवसायी को अनुमति दे दी कि वह कुछ साल पहले उच्चतम न्यायालय द्वारा उस पर लगाए गए लगभग 450 अरब रुपये के जुर्माने का आंशिक भुगतान करने के लिए इस राशि का उपयोग करे। इसके बदले में कारोबारी ने पंजाब के झेलम जिले के सोहावा इलाके में अल-कादिर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी द्वारा स्थापित ट्रस्ट को कथित तौर पर लगभग 57 एकड़ जमीन उपहार में दी थी। इस सप्ताह की शुरुआत में 27 नवंबर को मामले की सुनवाई करते हुए जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश मुहम्मद बशीर ने पीटीआई अध्यक्ष को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। (भाषा)