बेंगलुरु. कर्नाटक के कृषि मंत्री एन चालुवरैयास्वामी का विवादों के साथ चोली दामन का साथ रहा है. एन चालुवरैयास्वामी बस कंडक्टर की दूसरी जगह पोस्टिंग करने के दौरान उसके उत्पीड़न के आरोप से लेकर, अपनी पार्टी कांग्रेस के चुनावी वादों को ‘सस्ती लोकप्रिय योजनाएं’ बता आलोचना करने, और यहां तक कि जनता दल (एस) में रहते हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के पक्ष में क्रॉस-वोटिंग में शामिल होने तक कई विवादों में शामिल रहे हैं. वर्तमान में वह भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं.
ताजा विवाद मंड्या कृषि विभाग के सात सहायक निदेशकों द्वारा कथित तौर पर राजभवन को भेजे गए एक शिकायत पत्र से जुड़ा है. इस शिकायत पत्र में उन्होंने दावा किया है कि मंत्री ने क्षेत्र में सरकारी कामों को शीघ्रता से निपटाने के लिए 6 लाख से 8 लाख रुपये तक की रिश्वत की मांग की है. इन कथित मांगों के दबाव के चलते चिट्ठी भेजने वालों ने अपने परिवार के सदस्यों सहित अपनी जान लेने की धमकी भी दी है.
एन चालुवरैयास्वामी जो मांड्या जिले के प्रभारी भी हैं, उन्होंने इन दावों का खंडन करते हुए पत्र को फर्जी बताया है. उन्होंने कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत को पत्र लिखकर आरोपों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है. राज्यपाल ने मुख्य सचिव वंदिता शर्मा को पत्र लिखकर जांच का अनुरोध किया है.
चालुवरैयास्वामी एक परिचय
जेडीएस के प्रति अपने समर्पण के लिए चर्चित और फिर एचडी कुमारस्वामी (HDK) के करीबी रहे चालुवरैयास्वामी ने 2006 में कुमारस्वामी को सीएम बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने कांग्रेस-जनता दल (सेकुलर) गठबंधन सरकार को गिराने के लिए तख्तापलट किया, क्योंकि कुमारस्वामी ने सत्ता पर कब्जा करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन किया था. कुमारस्वामी के शासनकाल में उन्होंने कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया और बाद में 2009 में मांड्या से लोकसभा के लिए चुने गए. हालांकि, नागमंगला विधानसभा सीट के लिए चुने जाने के बाद उन्होंने 2013 में इस्तीफा दे दिया.
पांच साल बाद, विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वह 2018 में कांग्रेस में शामिल हो गए. यह पहली बार था जब उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. जब चालुवरैयास्वामी ने पाला बदला तो जेडीएस में उनकी भूमिका बहुत अहम थी, लेकिन उस वक्त उन्होंने दावा किया कि पार्टी अराजकता में डूब गई है और राजनीति पर पारिवारिक हितों को प्राथमिकता दे रही है. सालों बाद, उन्होंने बताया कि जेडीएस सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा के प्रति सम्मान की वजह से वह खुद को गौड़ा परिवार पर हमला करने से रोकते रहे क्योंकि वो हमेशा उनके समर्थन में खड़े रहते थे. चालुवरैयास्वामी का नागमंगला सीट से लगातार पांच बार जीतने का रिकॉर्ड भी है.
बस कंडक्टर का आत्महत्या का प्रयास
जुलाई में, मांड्या के बस कंडक्टर जगदीश ने उस वक्त आत्महत्या का प्रयास किया जब उन्हें कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (KSTRC) के अधिकारियों से स्थानांतरण आदेश प्राप्त हुआ, उनको नागमंगला से मद्दूर डिपो में स्थानांतरित कर दिया गया था. शुरुआत में जो मामला किसी कर्मचारी की हताशा का लग रहा था उसने तब राजनीतिक मोड़ ले लिया जब कंडक्टर ने अपने डेथ नोट में तबादले के लिए चालुवरैयास्वामी को जिम्मेदार ठहराया. कंडक्टर ने मंत्री पर अपनी आत्महत्या के लिए जिम्मेदार होने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि स्थानांतरण झूठे आरोपों और वरिष्ठों से मिली जानकारी पर आधारित था. इस घटना ने इतना तूल पकड़ा कि कर्नाटक विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान यह चर्चा का विषय बन गया, यही नहीं विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जेडीएस ने मंत्री के इस्तीफे की मांग तक कर डाली. KSTRC अधिकारियों ने बाद में साफ किया कि यह स्थानांतरण महिलाओं से जुड़ी कई शिकायतों और बुरे बर्ताव के आरोपों को देखते हुए किया गया था.
कांग्रेस की आलोचना वाला वीडियो
एक और विवाद तब खड़ा हुआ जब जून में सोशल मीडिया पर एक असत्यापित (unverified) वीडियो सामने आया. इसमें चालुवरैयास्वामी कांग्रेस (जिस पार्टी से वह चुने गए थे) की आलोचना करते हुए नजर आए. उन्होंने गृह ज्योति, गृह शक्ति और युवा शक्ति सहित कांग्रेस के पांच चुनावी वादों को वोट जीतने के लिए तैयार की गई “सस्ती लोकप्रिय योजनाएं या हथकंडे” बताया. उन्होंने परिणामों पर विचार किए बिना वादे करने के लिए भी पार्टी की आलोचना की. भाजपा को तो जैसे मौका मिल गया, उसने इस विवाद को भुनाया और जो विचार वह रखते हैं चालुवरैयास्वामी के उसे दोहराने पर उनकी सराहना की. हालांकि, भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने चालुवरायस्वामी को एक गैर भरोसेमंद प्रवासी करार दिया है. वहीं कांग्रेस ने इस मामले पर सार्वजनिक टिप्पणी करने से परहेज किया, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने निजी तौर पर चालुवरैयास्वामी से पूछताछ की और वीडियो पर उनसे स्पष्टीकरण मांगा है.
HDK पर सिद्धा की टिप्पणी
कांग्रेस में चल रहे अंदरूनी ड्रामे के पहले जब कर्नाटक चुनाव अभियान अपने चरम पर था उस दौरान सिद्धारमैया ने एचडीके पर अपनी राजनीतिक विकास के लिए चालुवरैयास्वामी का फायदा उठाने और फिर उन्हें दूध में पड़ी मक्खी की तरह निकाल फेंकने का आरोप लगाया था. विडंबना यह है कि 2019 में जब सिद्धारमैया ने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की समन्वय समिति की अध्यक्षता कि, उस वक्त उन्होंने चालुवरैयास्वामी को तत्कालीन सीएम कुमारस्वामी और गठबंधन सरकार के खिलाफ बयान देना बंद करने की सलाह देने के लिए बुलाया था. सिद्धारमैया चाहते थे कि नेता ऐसे कार्यों से बचें जो गठबंधन को नुकसान पहुंचा सकते हैं, ऐसा न करने पर उन्होंने अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी थी.
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Tags: Congress, JDS, Karnataka, Siddaramaiah
FIRST PUBLISHED : August 08, 2023, 11:06 IST