Home Life Style मकर संक्रांति पर क्यों करते हैं काले तिल का दान? इस कथा को पढ़ने से साढ़ेसाती-ढैय्या में लाभ होगा

मकर संक्रांति पर क्यों करते हैं काले तिल का दान? इस कथा को पढ़ने से साढ़ेसाती-ढैय्या में लाभ होगा

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मकर संक्रांति पर क्यों करते हैं काले तिल का दान? इस कथा को पढ़ने से साढ़ेसाती-ढैय्या में लाभ होगा

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हाइलाइट्स

काले तिल का संबंध न्याय के देवता शनि महाराज से और गुड़ का संबंध भगवान सूर्य से है.
15 जनवरी को मकर संक्रांति पर पवित्र नदियों में स्नान होगा और सूर्य पूजा के बाद दान किया जाएगा.

इस साल मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी. उस दिन सुबह से ही पवित्र नदियों में स्नान होगा और सूर्य पूजा के बाद दान किया जाएगा. मकर संक्रांति के अवसर पर सूर्य और शनि की कृपा पाने के लिए तिल, गुड़, गरम कपड़े आदि का दान करते हैंं. आपके मन में प्रश्न होगा कि मकर संक्रांति पर काला तिल दान क्यों करते हैं? काले तिल का संबंध न्याय के देवता शनि महाराज से है और गुड़ का संबंध भगवान सूर्य से है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य गणेश मिश्र से जानते हैं कि मकर संक्रांति पर काला तिल दान क्यों करते हैं और इसका शनि तथा सूर्य देव से क्या संबंध है?

मकर संक्रांति 2024: काले तिल से जुड़ी कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, जब माता छाया के गर्भ से शनि महाराज का जन्म हुआ तो उनके पिता सूर्य देव काफी दुखी हो गए क्योंकि शनि देव का रंग काला था और वे काफी कमजोर थे. उन्होंने कहा कि उनका पुत्र ऐसा नहीं हो सकता है. सूर्य देव के इस व्यवहार से छाया आहत थीं. सूर्य देव ने छाया और शनि देव को अलग कर दिया. वे दोनों कुंभ घर में रहते थे. क्रोधित छाया ने सूर्य देव को कुष्ठ रोग का श्राप दे दिया.

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सूर्य देव ने जला दिया शनि देव का घर
इससे सूर्य देव नाराज हो गए और उन्होंने अपने तेज से उनके घर कुंभ को जला दिया. सूर्य के दूसरे पुत्र यमराज ने अपने तप से पिता को कुष्ठ रोग से मुक्ति दिलाई और माता छाया से अच्छा व्यवहार करने का अनुरोध किया.

शनि देव ने काले तिल से किया सूर्य देव का स्वागत

पुत्र यम के अनुरोध पर सूर्य देव पत्नी छाया और पुत्र शनि से मिलने उनके घर पहुंचे. उन्होंने देखा कि उन दोनों का घर जलकर बर्बाद हो गया है. वे इससे दुखी हुए. उस दौरान शनि देव के पास काला तिल था. उससे ही उन्होंने सूर्य देव का स्वागत किया. यह देखकर सूर्य देव काफी खुश हुए.

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सूर्य देव ने शनि को दिया नया घर और वरदान
शनि देव के व्यवहार से खुश होकर सूर्य देव उनको एक नया घर प्रदान किया, जिसका नाम मकर था. इस तरह से शनि देव 12 राशियों में से दो राशियों मकर और कुंभ के स्वामी बन गए. साथ ही सूर्य देव ने शनि को वरदान दिया कि जब वे उनके घर मकर में गोचर करेंगे तो उनका घर धन-धान्य से भर जाएगा. इतना ही नहीं, जो लोग मकर संक्रांति के अवसर पर उनको काला तिल अर्पित करेंगे, उनके जीवन में भी सुख और समृद्धि आएगी.

इसलिए मकर संक्रांति पर सूर्य को अर्पित करते हैं काला तिल

सूर्य देव के वरदान के कारण मकर संक्रांति पर शनि देव का घर धन-धान्य से भर गया. इस वजह से हर साल मकर संक्रांति पर पूजा में काला तिल रखते हैं. काले ​तिल का दान देते हैं. जो व्यक्ति मकर संक्रांति पर काले तिल का दान करता है, उसका भी घर धन-धान्य, सुख और समृद्धि से भर जाता है.

काला तिल शनि देव को भी प्रिय है. इसका दान करने से शनि की साढ़ेसाती-ढैय्या में लाभ होता है. जो लोग मकर संक्रांति पर सूर्य और शनि देव की यह कथा पढ़ते हैं, उनको भी लाभ पहुंचता है.

Tags: Dharma Aastha, Makar Sankranti, Makar Sankranti festival

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