Patna:
Bihar Political News: बिहार की नीतीश सरकार ने 12 फरवरी को बजट सत्र के पहले दिन विश्वास मत जीतकर विपक्ष को करारा जवाब दिया और बिहार में अपनी सरकार बनाई. इसके साथ ही बिहार के सीएम नीतीश कुमार के हालिया पलटवार के बाद प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप चरम पर है. इस बीच, बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन सरकार राज्य के विभिन्न जिलों के मठ और मंदिरों की जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराएगी. वहीं बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने शुक्रवार को इसका एलान प्रदेश की विधानसभा में किया है. बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह ने एक सवाल पूछा था, जिस पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने ये बात कही.
‘3 महीने के भीतर अतिक्रमण हटाना सुनिश्चित किया जाएगा’ – सम्राट चौधरी
आपको बता दें कि बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि, ”राज्य में अपंजीकृत मंदिरों और मठों की भूमि पर किसी भी अतिक्रमण की जांच के लिए एक सर्वेक्षण चल रहा है.” उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि, ”एक बार अभ्यास पूरा होने के बाद, तीन महीने के भीतर अतिक्रमण हटाना सुनिश्चित किया जाएगा.” वहीं सम्राट चौधरी ने विधानसभा में कहा कि, ”राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि अपंजीकृत या पंजीकृत मंदिरों और मठों से संबंधित भूमि सहित अचल संपत्तियों की कोई बिक्री/खरीद न हो.” साथ ही उन्होंने कहा कि, ”राजस्व विभाग प्रदेश में अपंजीकृत मंदिरों और मठों से संबंधित जमीन के सर्वेक्षण का काम कर रहा है.”
राज्य में करीब 2,512 अपंजीकृत मंदिर-मठ
वहीं आपको बता दें कि, बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड (BSBRT) के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में लगभग 2,512 अपंजीकृत मंदिर या मठ हैं, जिनके पास 4,321.64 एकड़ से अधिक भूमि है. वहीं पंजीकृत मंदिरों की कुल संख्या लगभग 2,499 है और इनके पास 18,456 एकड़ से अधिक भूमि है. बता दें कि इसको लेकर ट्रस्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, ”राज्य सरकार पंजीकृत/अपंजीकृत मंदिरों/मठों की संपत्तियों की बिक्री/खरीद की अवैध प्रथा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी. वहीं बिहार के सभी सार्वजनिक मंदिरों/मठों और धर्मशालाओं को बीएसबीआरटी के साथ पंजीकृत होना चाहिए.”