लखीमपुर खीरी. यूपी के बहुचर्चित मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में मुख्य दोषी पूर्व कैबिनेट मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी की रिहाई हो चुकी है. दोनों की रिहाई होने के बाद अब मधुमिता हत्याकांड का दोषी संतोष राय भी समय से पहले रिहाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. संतोष राय ने भी अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि त्रिपाठी की रिहाई हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि वो सरकार को उसकी रिहाई पर फैसला करने के निर्देश जारी करें. हत्याकांड में शूटर्स के रूप में संतोष राय शामिल था.
सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाते हुए संतोष राय की ओर से कहा गया कि जब तक उसकी दया याचिका पर फैसला न हो तब तक उसे अंतरिम जमानत दी जाए. खास बात ये है कि उसकी याचिका पर सुनवाई भी 25 अगस्त को उसी बेंच के सामने हुई, जिसने मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला की अर्जी पर सुनवाई की और अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि त्रिपाठी की रिहाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
यूपी और उत्तराखंड सरकार को पहले ही दी रिहाई अर्जी
अब संतोष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट एक सितंबर को सुनवाई करेगा. इस दौरान यूपी सरकार और उतराखंड सरकार को जवाब दाखिल करना है. वकील हर्षवर्धन विशेन द्वारा दाखिल याचिका में संतोष राय ने कहा है कि उसने केंद्र, यूपी और उतराखंड सरकार को समय से पहले रिहाई की अर्जी दाखिल की है और अब तक उस पर फैसला नहीं किया गया है.
जेल में कितनी काटी सजा?
उसने बताया है कि वो 27 मार्च 2023 को छूट के साथ 18 साल 1 महीने 14 दिन की कुल अवधि के लिए और छूट के साथ 21 साल 10 महीने 15 दिन की अवधि के लिए जेल में बंद हैं. याचिकाकर्ता छूट और समयपूर्व रिहाई के लिए विचार किए जाने का पात्र है. अदालत सरकार को मामले पर विचार करने का निर्देश दे.
सुप्रीम कोर्ट में वकील ने रखा ये तर्क
हर्षवर्धन विशेन ने दलील दी है कि सह-अभियुक्त मधुमणि त्रिपाठी और अमरमणि त्रिपाठी की याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को उनके द्वारा समय पूर्व रिहाई के लिए दायर आवेदन पर विचार करने का निर्देश दिया था. इसी तरह सुप्रीम कोर्ट उसके मामले पर भी तुरंत फैसला करने को कहे. तब तक उसे अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए.
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FIRST PUBLISHED : August 28, 2023, 19:45 IST