Home National मध्य प्रदेश में कमल की बनेगी सरकार या नाथ का साथ देगी जनता? CM फेस से लेकर चुनावी मुद्दों तक… सर्वे में जानें हर सवाल का जवाब

मध्य प्रदेश में कमल की बनेगी सरकार या नाथ का साथ देगी जनता? CM फेस से लेकर चुनावी मुद्दों तक… सर्वे में जानें हर सवाल का जवाब

0
मध्य प्रदेश में कमल की बनेगी सरकार या नाथ का साथ देगी जनता? CM फेस से लेकर चुनावी मुद्दों तक… सर्वे में जानें हर सवाल का जवाब

[ad_1]

Madhya Pradesh Election 2023 : मध्य प्रदेश में इस होने वाले विधानसभा चुनाव चुनाव बड़े दिलचस्प होने वाले हैं। इसको लेकर अभी से चुनावी बिसात बिछनी शुरू हो गई है। राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) के बीच इस बार कांटे की टक्कर मानी जा रही है। हालांकि, विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने एक-दूसरे हमले तेज कर दिए हैं। चुनावी शंखनाद से पहले सभी दलों ने राज्य की सभी 230 विधानसभा सीटों अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। एबीपी न्यूज सी-वोटर के एक चुनावी सर्वे (ABP C Voter Survey) में शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है। सर्वे में शामिल 37 प्रतिशत लोगों की पसंद जहां सीएम शिवराज हैं, जबकि 36 प्रतिशत लोग कमलनाथ को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। 

चुनावों के मद्देनजर भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेता लगातार मध्य प्रदेश आ-जा रहे हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावों की घोषणा से पहले कल 27 जून को राज्य को एक साथ दो वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेनों की सौगात दी है। इसके साथ ही उन्होंने भोपाल में भाजपा के ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ कार्यक्रम में वर्चुअली देशभर के करीब 10 लाख कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देते हुए चुनावी बिगुल फूंक दिया है। 

मध्य प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सत्ता हासिल की थी, लेकिन कांग्रेस को यह सुख ज्यादा दिन तक नसीब नहीं हुआ। 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के चलते कांग्रेस को राज्य में कमलनाथ की अगुवाई वाली अपनी सरकार गंवानी पड़ी और भाजपा के शिवराज सिंह चौहान एक बार सत्ता हासिल कर मुख्यमंत्री बनने में कामयाब हो गए। 

मध्य प्रदेश चुनाव से पहले राज्य की जनता के दिल में झांकने के लिए एबीपी न्यूज सी-वोटर ने एक बड़ा चुनावी सर्वे किया है। इस ओपिनियन पोल में हिस्सा लेने वाले लोगों से राज्य के सभी छोटे-बड़े मुद्दों से लेकर सीएम फेस, सीटों और भाजपा-कांग्रेस से जुड़े अनेक सवाल किए गए। इनमें से कई सवालों के जवाब बेहद चौंकाने रहे। बता दें कि, 26 मई से 26 जून तक किए गए इस सर्वे में 17 हजार 113 लोगों की राय ली गई है। सर्वे में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 3 से प्लस माइनस 5 फीसदी रखा गया है। आप भी जानिए इस ओपिनियन पोल में कौन-कौन से सवाल किए गए और उनके क्या नतीजे रहे…. 

मध्य प्रदेश की कुल 230 सीटों में से किसे कितनी सीटें मिल सकती हैं? 

BJP- 106-118

Congress- 108-120

BSP- 0-4

Others- 0-4

किसे कितने प्रतिशत वोट मिल सकते हैं?

BJP – 44%

Congress – 44%

BSP-2%

Others – 10%

मुख्यमंत्री की पहली पसंद कौन है?

शिवराज – 37%

कमलनाथ – 36%

सिंधिया – 12%

दिग्विजय – 1%

अन्य-14%

मध्य प्रदेश में सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा क्या?

बेरोजगारी – 33%

महंगाई – 16%

भ्रष्टाचार – 7%

बुनियादी सुविधाएं – 7%

स्थानीय मुद्दा – 18%

अन्य -10%

पता नहीं – 9%

कमलनाथ के कामकाज से कितना संतुष्ट?

बहुत संतुष्ट – 31%

कम संतुष्ट – 36%

असंतुष्ट – 28%

पता नहीं – 5%

शिवराज के कामकाज से कितना संतुष्ट?

बहुत संतुष्ट – 40%

कम संतुष्ट – 25%

असंतुष्ट – 33%

पता नहीं – 2%

राज्य सरकार के कामकाज से कितना संतुष्ट?

बहुत संतुष्ट – 40%

कम संतुष्ट – 27%

असंतुष्ट – 31%

पता नहीं – 2%

मध्य प्रदेश में भी इस बार डबल इंजन फॉर्मूला फेल होगा?

हां –  40%

नहीं – 45%

पता नहीं – 15%

मध्य प्रदेश में किसके हिंदुत्व पर ज्यादा भरोसा?

शिवराज – 42%

कमलनाथ – 44%

पता नहीं – 14%

‘आप’ के चुनाव लड़ने से क्या कांग्रेस को नुकसान होगा?

हां – 42%

नहीं – 39%

पता नहीं – 19%

एमपी में किसके प्रचार से कांग्रेस को ज्यादा फायदा होगा?

मल्लिकार्जुन खरगे – 13%

राहुल गांधी – 25%

प्रियंका गांधी – 25%

पता नहीं – 37%

बागेश्वर सरकार जिस हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं क्या वो चुनावी मुद्दा बनेगा?

हां – 35%

नहीं – 42%

पता नहीं – 23%

बागेश्वर सरकार के बयानों का चुनाव में फायदा किसे मिलेगा?

भाजपा – 38%

कांग्रेस – 33%

दोनों को नहीं – 20%

पता नहीं – 9%

मोदी के दौरों से मध्य प्रदेश में भाजपा को फायदा होगा?

हां – 51%

नहीं – 36%

पता नहीं – 13%

नोट : एबीपी न्यूज और सी वोटर के ओपिनियन पोल के नतीजे पूरी तरह से लोगों से की गई बातचीत और उनके द्वारा व्यक्त की गई राय पर आधारित हैं। असल चुनावी नतीजे इससे अलग हो सकते हैं। 

[ad_2]

Source link