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विपक्षी पार्टियों के गुट इंडिया गठबंधन के दो अहम घट दलों – जेडीयू और टीएमसी की शीर्ष नेताओं नीतीश कुमार और ममता बनर्जी के बीच तल्खियों का दौर जारी है। शनिवार को इंडिया गठबंधन की वर्चुअल मीटिंग में घटक दल गठबंधन के अहम पदों के लिए निर्णय लेने वाले थे। कई दिनों से इस बात की चर्चा थी कि 13 जनवरी को होने वाली मीटिंग के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संयोजक बनाया जाएगा मगर ऐसा नहीं हुआ। इस बैठक में केवल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को ही गठबंधन का अध्यक्ष बनाया गया। हिन्दुस्तान टाइम्स को मिली जानकारी के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर इंडिया गठबंधन के अधिकांश घटक दलों ने संयोजक के रूप में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम पर मुहर लगाई थी। यह तय था कि शनिवार को होने वाली मीटिंग में घटक दल पार्टी के अहम पदों पर निर्णय लेने वाले हैं, मगर मीटिंग में न तो ममता बनर्जी शामिल हुई थीं और न ही उनकी पार्टी टीएमसी से कोई और प्रतिनिधि शामिल हुआ।
ममता को मनाएंगे केजरीवाल और पवार
बैठक में नीतीश कुमार ने संयोजक बनने से इनकार कर दिया है। दरअसल, अन्य सदस्यों द्वारा उनके नाम का प्रस्ताव रखे जाने पर भी नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने कभी किसी पद की आकांक्षा नहीं की थी। हालांकि, अन्य सभी सदस्यों ने उनकी संयोजक न बनने की इच्छा को अस्वीकार कर दिया। वे तृणमूल की ओर से प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं। वहीं बैठक में मौजूद कम से कम दो नेताओं ने हिन्दुस्तान टाइम्स से पुष्टि की कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार को ममता बनर्जी को मनाने की जिम्मेदारी दी गई।
साबित हो सकती है रिश्ते की आखिरी कील
मीटिंग में ममता की गैरमौजूगी और संयोजक पद के लिए नीतीश के नाम का विरोध ममता और नीतीश के बीच रिश्ते की आखिरी कील साबित हो सकती है। इससे पहले भी नई दिल्ली में हुई इंडिया गठबंधन की मीटिंग में ममता बनर्जी ने कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को विपक्षी गठबंधन का प्रधानमंत्री प्रत्याशी बता दिया था। माना जा रहा था कि वर्चुअल बैठक में नीतीश कुमार के लिए कोई जिम्मेदारी की घोषणा जरूर होगी, इसलिए ममता ने पहले ही दूरी बना ली है। ममता ने गठबंधन में रहकर विरोध की जगह यह रास्ता अपनाया है।
मीटिंग में क्या हुआ?
शनिवार को हुई मीटिंग में सीट बंटवारे की पेचीदगियों पर चर्चा के बाद गठबंधन के लिए एक अध्यक्ष और एक संयोजक की नियुक्ति की बात सामने आई, जहां अध्यक्ष के लिए मल्लिकार्जुन खरगे का नाम प्रस्तावित किया गया, क्योंकि कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी। खरगे ने तब कहा कि राहुल गांधी को अध्यक्ष होना चाहिए। जिसका जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि खरगे निश्चित रूप से इस पद के लिए बेहतर व्यक्ति हैं। हालांकि, संयोजक का पद ही समस्या बन गया। जैसे ही नीतीश कुमार ने संयोजक पद के लिए अपना नाम खींचा अन्य सदस्यों ने इस चर्चा की कि क्या यह घोषणा तुरंत की जानी चाहिए? तब यह तय हुआ इसकी घोषणा अभी करना उचित नहीं होगा क्योंकि ममता बनर्जी और अखिलेश यादव दोनों अनुपस्थित हैं और उनकी सहमति इसके लिए आवश्यक है।
इसी बिंदु पर मीटिंग में मौजूद सदस्यों ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि राहुल गांधी ने पहले ही ममता बनर्जी को नीतीश की उम्मीदवारी के बारे में बता दिया था। जिस पर ममता ने अपनी असहमति जाहिर कर दी थी। इस असहमति पर बोर्ड के सदस्यों ने ममता बनर्जी को मनाने के लिए केजरीवाल और पवार को जिम्मेदारी सौंपी है।