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कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी 2024 के लिए रोडमैप तैयार करती नजर आई हैं। उन्होंने कांग्रेस को कुछ शर्तों के साथ समर्थन देने की बात कही है। ममता ने कहा कि बंगाल में कांग्रेस उनके खिलाफ लड़ रही है जो कि ठीक नहीं है। इस पर कांग्रेस के लोकसभा नेता अधीर रंजन चौधरी ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक चुनाव से पहले कभी ममता को यह कहते नहीं सुना गया कि भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस को वोट दो। अधीर रंजन ने कहा, ‘कर्नाटक के चुनाव से पहले ममता बनर्जी ने कभी कहा है कि भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस को वोट दो? आज कांग्रेस की जीत के बाद ममता को लगने लगा कि बिना कांग्रेस बंगाल में उनका आगे बढ़ना मुश्किल है, क्योंकि बंगाल में कांग्रेस पार्टी की पकड़ बढ़ती जा रही है।’
अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि बंगाल क्या, जहां-जहां जरूरत होगी हम वहां-वहां लड़ेंगे। कांग्रेस नेता ने निशाना साधते हुए कहा, ‘जब चुनाव चल रहा था तब तो ममता ने कभी अपील नहीं कि कांग्रेस के उम्मीदवारों को जिताने का प्रयास करें। ममता यूपी और बिहार जाकर बीजेपी की मदद करती हैं। कर्नाटक में नहीं गईं क्योंकि वहां कांग्रेस लड़ रही थी।’ उन्होंने कहा कि कर्नाटक में जीत हासिल करने के बाद भी उन्होंने राहुल गांधी का नाम नहीं लिया। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी उन्होंने राहुल और इस यात्रा का नाम तक नहीं लिया था। यहां तक कि जब राहुल गांधी की सदस्यता गई तब भी उन्होंने कुछ नहीं कहा।
अधीर रंजन ने ममता पर कसा तंज
ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए अधीर रंजन ने कहा, ‘अगर सोनिया गांधी न होतीं तो उन्हें 2011 में बंगाल की सत्ता पर काबिज होने का मौका कभी नहीं मिलता। मगर, आपने तो बाद में कांग्रेस को ही खदेड़ने के लिए काम किया। वहीं, राजस्थान में पार्टी विधायक सचिन पायलट की ‘जन संघर्ष यात्रा’ पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘जिसकी जो मर्जी है वह करे, पिछले दिनों भी उन्होंने (सचिन पायलट) बहुत कुछ किया है। मैं दावे से कह सकता हूं कि भारत में अगर काबिल मुख्यमंत्रियों की कोई सूची बनाई जाए तो उसमें पहली पंक्ति में सीएम अशोक गहलोत का नाम होगा। कांग्रेस पार्टी हर प्रकार की चुनौती से निपटना जानती है।’
ममता बनर्जी ने क्या कहा था?
गौरतलब है कि ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में जहां कांग्रेस मजबूत स्थिति में होगी, वहां उसका समर्थन करेगी। यह पहली बार है जब बनर्जी ने आगे की चुनावी लड़ाई में विपक्षी एकता के लिए संभावित रणनीति पर तृणमूल कांग्रेस के रुख को लेकर स्थिति साफ की है। बनर्जी ने कहा, ‘जहां भी कांग्रेस मजबूत है, उन्हें लड़ने दीजिए। हम उन्हें समर्थन देंगे, इसमें कुछ भी गलत नहीं है। लेकिन उन्हें अन्य राजनीतिक दलों का भी समर्थन करना होगा।’ तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें उम्मीद है कि सीट बंटवारे के फॉर्मूले में उन क्षेत्रों में क्षेत्रीय दलों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां वे मजबूत हैं।
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