Sunday, December 22, 2024
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मराठाओं को आरक्षण देने पर क्यों सत्ताधारी गठबंधन में ही मच गई रार, फिर आंदोलन का ऐलान


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महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को दिए गए आरक्षण को लेकर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में मतभेद नजर आने लगे हैं। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने मराठा समुदाय को दिए जाने वाले आरक्षण पर नाराजगी जताई है। उन्होंने राज्य सरकार के रुख पर सवाल उठाते हुए अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट किया। इसमें उन्होंने बताया कि वह सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना रुख स्पष्ट करेंगे। राणे ने इस पोस्ट में कहा, ‘मैं मराठा समुदाय के आरक्षण के संबंध में राज्य सरकार के फैसले और दिए गए आश्वासन से सहमत नहीं हूं। इससे राज्य में असंतोष फैल सकता है क्योंकि यह ऐतिहासिक परंपराओं वाले मराठा समुदाय और अन्य पिछड़े समुदायों पर अतक्रिमण होगा। सोमवार को मैं प्रेस कॉन्फ्रेंस करूंगा और इस बारे में विस्तार से बात करूंगा।’

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) नेता छगन भुजबल भी मराठा आरक्षण पर राज्य सरकार के फैसले से नाराज हैं। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ 1 फरवरी को विधायकों, सांसदों और तहसीलदारों के आवासों के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। भुजबल ने अपने आधिकारिक आवास पर एक बैठक की, जिसमें ओबीसी विधायकों, नेताओं और अन्य लोगों ने हिस्सा लिया। भुजबल ने कहा कि इस बैठक में 26 जनवरी को मुख्यमंत्री की ओर से प्रस्तावित मसौदे को रद्द करने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया। मुख्यमंत्री के मसौदे में मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे की मांगों को स्वीकार कर लिया गया था।

मराठा को आरक्षण देने का यह अवैध तरीका: छगन भुजबल

छगन भुजबल ने कहा, ‘हम राज्य सरकार के मौजूदा फैसले के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए विधायकों, सांसदों और तहसीलदारों के आवासों के बाहर इकट्ठा होंगे। इस फैसले के जरिए मराठा समुदाय को आरक्षण लाभ देने के लिए अवैध तरीका अपनाया जा रहा है। हम इस तरह के फैसलों के खिलाफ ओबीसी को एकजुट करने के लिए मराठवाड़ा से एल्गार रैली भी निकालेंगे।’ उन्होंने कहा कि राज्य में ओबीसी को मूर्ख बनाने के लिए कदम उठाए गए हैं। जब कानून में रिश्तेदारों की स्पष्ट परिभाषा बताई गई है तो अवैध रूप से इसमें बदलाव क्यों किए गए? ओबीसी में मराठों को शामिल करने से मौजूदा पिछड़ा वर्ग बाहर हो जाएगा और वे आरक्षण लाभ से वंचित हो जाएंगे।

लाभ मिलने तक जारी रहेगा प्रदर्शन: मनोज जरांगे

वहीं, मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने कहा कि जब तक समुदाय के सदस्यों को महाराष्ट्र सरकार की प्रस्तावित अधिसूचना के तहत लाभ मिलना शुरू नहीं हो जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने यह घोषणा नवी मुंबई में अपने प्रदर्शन को स्थगित करने के एक दिन बाद की है। जरांगे को कुछ वर्गों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। उनका दावा है कि सरकार ने जरांगे को केवल एक मसौदा प्रस्ताव दिया था न कि औपचारिक अधिसूचना। सरकार के उनकी मांगें स्वीकार किए जाने के बाद जरांगे ने मराठा आरक्षण के लिए अपना अनिश्चितकालीन अनशन समाप्त कर दिया था। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घोषणा की कि जब तक मराठा को आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक समुदाय के सदस्यों को OBC को मिलने वाले सभी लाभ दिए जाएंगे।

(एजेंसी इनपुट के साथ)



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