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मराठा आरक्षण के लिए दो बार अनशन करने वाले मनोज जारांगे पाटिल ने सरकार को 2 जनवरी तक का अल्टिमेटम देते हुए हाल ही में अपना आंदोलन समाप्त किया था। एकनाथ शिंदे सरकार को उन्होंने दो महीने का वक्त दिया है और समाधान की मांग की है। इस बीच उन्होंने एक नया प्लान बना लिया है, जिसे लेकर सरकार भी चिंतित है। दरअसल 15 नवंबर यानी बुधवार से मनोज जारांगे पाटिल पूरे महाराष्ट्र का दौरा करने वाले हैं। इस दौरान वह राज्य के युवाओं को मराठा आरक्षण के मसले पर साथ लाने का प्रयास करेंगे। ऐसे में सरकार को चिंता सता रही है कि मराठवाड़ा में ही फैला मराठा आंदोलन पूरे राज्य में खड़ा हो सकता है।
यह मनोज जारांगे पाटिल के आंदोलन का तीसरा चरण होगा। राज्यव्यापी दौरे की शुरुआत वह धाराशिव के वाशी से करेंगे और 23 नवंबर को अहमदनगर में समाप्त करेंगे। सकल मराठा समाज के बैनर तले उनकी यात्रा ठाणे, रायगढ़ और पश्चिमी महाराष्ट्र को कवर करेगी। बता दें कि ठाणे क्षेत्र एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है। ऐसे में वहां का दौरा उनके लिए भी चिंता वाली बात होगी। पिछले महीने भूख हड़ताल पर बैठने से पहले उन्होंने पश्चिमी महाराष्ट्र के कई इलाकों का दौरा किया था। पाटिल के एक समर्थक ने कहा कि हमने अब तक गांव स्तर पर मीटिंग्स की थीं।
उन्होंने कहा कि अब हमारी कोशिश होगी कि बड़े स्तर पर बैठकें की जाएं। हमारा संदेश साफ है कि सरकार को जो डेडलाइन दी गई है, उतने में ही आरक्षण का ऐलान हो जाए। यदि ऐसा नहीं हो सका तो हम मुंबई को जाम कर देंगे और शहर में कामकाज ठप हो जाएगा। हमें पहले भी जनता का अच्छा समर्थन मिला था और एक बार फिर से बड़े पैमाने पर लोग हमारे साथ आ सकते हैं। महाराष्ट्र की राजनीति और समाज पर पैनी नजर रखने वाले एक विश्लेषक ने कहा कि यह दौरान अब आरक्षण तक ही सीमित नहीं है।
मनोज जारांगे पाटिल इस दौरे के बहाने पूरे राज्य को समझने की कोशिश करेंगे। माना जा रहा है कि वह पूरे महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के बीच जाकर अपनी जमीन भी तैयार कर सकते हैं। यदि आने वाले दिनों में वह राजनीतिक जीवन की शुरुआत कर दें तो वह भी गलत नहीं होगा। दरअसल मनोज जारांगे पाटिल ने पूरे मराठा समाज को ही आबादी के अनुपात में आरक्षण देने की मांग की है। ऐसे में उनके लिए एक बड़ा जनाधार तैयार हो सकता है। इसी के मद्देनजर तीसरे चरण में मनोज जारांगे पाटिल ने पुणे, ठाणे, अहमदनगर, शोलापुर, सतारा और सांगली जाएंगे।