Thursday, December 12, 2024
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‘मर्दाना कमजोरी…’ पुरुषों के स्पर्म में आई 50 फीसदी की कमी… नई स्टडी में खुलासा


हाइलाइट्स

50 साल से भी कम समय में दुनिया भर में मर्दों के Sperm की संख्या में 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट.
इसके अलावा मेल स्पर्म की क्वालिटी में भी गिरावट तेज हो रही है.
कई लोग इसके लिए प्लास्टिक और दूसरे प्रदूषण को जिम्मेदार ठहराते हैं.

नई दिल्ली. पूरी दुनिया में मानव प्रजनन क्षमता संकट में पड़ती दिखाई दे रही है. आधी सदी या पिछले 50 साल से भी कम समय में दुनिया भर में मर्दों की शुक्राणुओं (male Sperm) की संख्या में 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आ गई है. इसके अलावा मेल स्पर्म (male Sperm) की मात्रा के साथ ही उसकी क्वालिटी में भी गिरावट तेज हो रही है. भले ही धरती पर मानव आबादी में बढ़ोतरी जारी है और ये 8 अरब तक पहुंच गई है, फिर भी मर्दों की प्रजनन प्रणाली (male reproductive systems) में कई समस्याएं हैं. कई लोग इसके लिए प्लास्टिक और आग प्रतिरोधी फर्नीचर को जिम्मेदार ठहराते हैं. मर्दों की कमजोर होती प्रजनन क्षमता और जननांग विकृति पुरुषों के स्वास्थ्य संकट को सामने लाती है. इन सबके बावजूद एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके कारण मानवता विलुप्त होने वाली नहीं है.

दो बड़ी स्टडीज के खुलासों के मुताबिक मर्दों में स्पर्म की संख्या तेजी से गिरती जा रही है. 2017 में छपी एक रिसर्च स्टडी में पश्चिमी देशों में मर्दों के में शुक्राणुओं (Sperm Counts Decline) की गिरावट को दर्ज किया गया था. जबकि मंगलवार को प्रकाशित ऑक्सफोर्ड जर्नल ह्यूमन रिप्रोडक्शन अपडेट में एक नए शोध में इसकी पुष्टि की गई है. नए रिसर्च को अमेरिका के हिब्रू विश्वविद्यालय के साइंटिस्टों के नेतृत्व में किया गया है. इसमें डेनमार्क, ब्राजील, स्पेन, इजरायल के साइंटिस्टों का एक अंतर्राष्ट्रीय दल शामिल था.

विश्वभर में पुरुषों के स्पर्म काउंट में भारी गिरावट, सिर्फ प्रजनन ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य पर भी असर- रिपोर्ट

2017 में पहले बड़े शोध अध्ययन में 1981 से 2013 के आंकड़ों के आधार पर उत्तरी अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में मर्दों में शुक्राणुओं (male Sperm) की संख्या में गिरावट की सूचना दी गई थी. उसी टीम के एक नए रिसर्च पेपर में लैटिन अमेरिका, एशिया और अफ्रीका में 53 और देशों को शामिल किया गया है. ये रिसर्च 2018 तक के आंकड़ों पर आधारित है. दूसरे शब्दों में अब पूरी दुनिया में हुई जांच में पाया जा चुका है कि हर जगह मर्दों के शुक्राणुओं की संख्या घट रही है. आमतौर पर पिछले 46 वर्षों में मर्दों के स्पर्म में 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आ गई है. इसके साथ ही टेस्टोस्टेरोन सांद्रता (Testosterone concentrations) और शुक्राणु की गुणवत्ता (sperm quality) भी लगातार गिर रही है.

Tags: Health, Health News, Life style, Sperm Quality



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