Home Health मर्दों में क्या होता है इरिटेबल मेल सिंड्रोम? महिलाओं के मूड स्विंग से कितनी है समानता, जानें लक्षण और बचाव

मर्दों में क्या होता है इरिटेबल मेल सिंड्रोम? महिलाओं के मूड स्विंग से कितनी है समानता, जानें लक्षण और बचाव

0
मर्दों में क्या होता है इरिटेबल मेल सिंड्रोम? महिलाओं के मूड स्विंग से कितनी है समानता, जानें लक्षण और बचाव

[ad_1]

Last Updated:

Irritable Male Syndrome: इरिटेबल मेल सिंड्रोम पुरुषों में मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन और सुस्ती का कारण बनता है. टेस्टोस्टेरोन लेवल कम होने से यह समस्या होती है. एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट से बचाव संभव है…और पढ़ें

मर्दों का भी होता मूड स्विंग, जानें क्या है यह बीमारी, लक्षण और कैसे करें बचाव

जानिए, पुरुषों में महिलाओं की तरह कब और क्यों होता है मूड स्विंग्स. (Canva)

हाइलाइट्स

  • इरिटेबल मेल सिंड्रोम पुरुषों में मूड स्विंग्स का कारण बनता है.
  • टेस्टोस्टेरोन लेवल कम होने से यह समस्या होती है.
  • एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट से बचाव संभव है.

Irritable Male Syndrome: पीरियड्स के दौरान महिलाओं में अक्सर मूड स्विंग्स की समस्या देखी जाती है. इसलिए जब भी मूड स्विंग्स की बात होती है तो महिलाओं का ही जिक्र किया जाता है. अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं तो यकीन मानिए आप गलत हैं. मूड स्विंग्स की ये समस्या सिर्फ पुरुषों में भी होती है, जिसे इरिटेबल मेल सिंड्रोम कहा जाता है. हैरानी की बात तो ये है कि, इन समस्याओं का सामना करने बाद भी पुरुष इसे एक्सेप्ट नहीं करते हैं. हम ये भी कह सकते हैं कि इरिटेबल मेल सिंड्रोम के बारे में तमाम मर्दों को जानकारी ही नहीं है.

एक्सपर्ट की मानें तो, इरिटेबल मेल सिंड्रोम एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें पुरुष चिड़चिड़ापन, घबराहट, डिप्रेशन और सुस्ती का सामना करते हैं. महिलाओं की तरह इस दौरान पुरुषों में हार्मोनल चेंजेस होते हैं, जिसकी वजह से उन्हें इस तरह की समस्याएं होती हैं. अब सवाल है कि आखिर इरिटेबल मेल सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं? मेल इरिटेबल सिंड्रोम से बचाव कैसे करें? आइए जानते हैं इस बारे में-

पुरुषों में क्यों होती है मूड स्विंग्स की समस्या

हेल्थलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, जब पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का लेवल कम होने लगता है तब इरिटेबल मेल सिंड्रोम की दिक्कत पैदा होती है. मेडिकल भाषा में इसे एंड्रोपॉज भी कहा जाता है. बता दें कि, पुरुषों में बनने वाला टेस्टोस्टेरोन एक सेक्स हार्मोन है. 30 की उम्र से टेस्टोस्टेरोन का लेवल पुरुषों में धीरे-धीरे कम होने लगता है. इस हार्मोन का संबंध फिटनेस, एनर्जी, सेक्स ड्राइव और सेल्फ कॉन्फिडेंस से जुड़ा है. टेस्टोस्टेरोन का कम लेवल ही पुरुषों के मूड स्विंग्स का कारण बनता है.

इरिटेबल मेल सिंड्रोम के लक्षण

  • लगातार सिरदर्द
  • मूड स्विंग्स की समस्या
  • गुस्सा और चिड़चिड़ापन
  • अकेला रहना पसंद करना
  • मांसपेशियों में तनाव आना
  • आंत से जुड़ी समस्याएं होना
  • इमोशन्स को एक्सप्रेस करने में दिक्कत

इरिटेबल मेल सिंड्रोम से बचाव?

– पुरुष मूड स्विंग्स की स्थिति में एक्सरसाइज रोजाना करें. इसके अलावा, हेल्दी और बैलेंस फूड डाइट लें.
– हर पुरुष अपने इमोशन्स में हो रहे बदलावों को समझें. अपने किसी करीबी दोस्त से इस बारे में बात करें.
– मूड और बिहेवियर में होने वाले बदलावों के प्रति सचेत रहें. इस बात को समझने की कोशिश करें कि इसका प्रभाव कब आप पर पड़ सकता है.
– अपने इमोशन्स पर काबू पाने के लिए योग, एक्सरसाइज का सहारा लें. माइंडफुलनेस मेडिटेशन में शामिल हों. अपनी कोई मनपसंदीदा एक्टविटी करें.

भारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखें
homelifestyle

मर्दों का भी होता मूड स्विंग, जानें क्या है यह बीमारी, लक्षण और कैसे करें बचाव

[ad_2]

Source link