Monday, July 8, 2024
Google search engine
HomeNationalमल्लिकार्जुन खरगे ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को लिखी चिट्ठी

मल्लिकार्जुन खरगे ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को लिखी चिट्ठी


Image Source : INDIA TV
मल्लिकार्जुन खरगे ने जगदीप धनखड़ को लिखी चिट्ठी

नई दिल्ली: संसद केशीतकालीन सत्र के दौरान सदन ने 146 विपक्षी सांसद निलंबित कर दिए गए थे। इसके बाद उन्होंने सदन के बाहर रोज विरोध प्रदर्शन किया। यह सिलसिला सदन के अनिश्चितकालीन समय तक के लिए स्थगित होने तक चला। सदन गुरुवार 21 दिसंबर को स्थगित हो गई थी। इसके बाद राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को एक चिट्ठी लिखी। इसमें उन्होंने कहा कि कई बातें लिखीं।

इस ख़त के जवाब में कांग्रेस नेता ने भी पत्र लिखा। इसमें उन्होंने भी कई बातें उपराष्ट्रपति के लिए लिखीं। इसके बाद सिलसिला आगे बढ़ता है और उपराष्ट्रपति ने मल्लिकार्जुन खरगे को मुलाकात और बातचीत के लिए आमंत्रित किया। अब इसके बाद मल्लिकार्जुन खरगे ने इसका जवाब देते हुए कहा है कि मैं आपसे नहीं मिल पाऊंगा, क्योंकि मैं अभी दिल्ली से बाहर हैं।

मल्लिकार्जुन खरगे ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को लिखी चिट्ठी

Image Source : ANI

मल्लिकार्जुन खरगे ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को लिखी चिट्ठी

‘सभापति सदन का संरक्षक होता है’

वहीं इस चिट्ठी में नेता प्रतिपक्ष ने लिखा कि सभापति सदन का संरक्षक होता है और उसे सदन की गरिमा बनाए रखने, संसदीय विशेषाधिकारों की रक्षा करने और संसद में बहस, चर्चा और उत्तर के माध्यम से अपनी सरकार को जवाबदेह रखने के लोगों के अधिकार की रक्षा करने में सबसे आगे रहना चाहिए। इसके साथ ही खरगे ने राज्यसभा में विधेयकों पर पर्याप्त चर्चा न होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, यह बेहद दुखद है। इतिहास बिना बहस के पारित किए गए विधेयकों और सरकार से जवाबदेही की मांग न करने के लिए पीठासीन अधिकारियों का कठोरता से मूल्यांकन करेगा।

मल्लिकार्जुन खरगे ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को लिखी चिट्ठी

Image Source : ANI

मल्लिकार्जुन खरगे ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को लिखी चिट्ठी

इसके साथ ही मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने पत्र में संसद की सुरक्षा में चूक मामले पर गृह मंत्री अमित शाह के बयान का भी जिक्र किया। खरगे ने कहा कि देश के गृह मंत्री चालू संसद सत्र के बावजूद एक टीवी चैनल पर ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर बयान देते हैं, लेकिन सदन में आकर बयान नहीं देते। यह दुर्भाग्यपूर्ण होने के साथ-साथ लोकतंत्र के मंदिर को अपवित्र करने जैसा कृत्य है। उन्होंने पूरी सरकार पर संसद की अवहेलना और उपेक्षा करने का आरोप लगाया।

Latest India News





Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments