हाइलाइट्स
जो लोग फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते हैं, उन्हें कैंसर का खतरा ज्यादा होता है.
ऑस्ट्रेलिया की सिडनी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कैंसर को लेकर यह स्टडी की है.
Exercise & Cancer Risk: कैंसर की वजह से भारत में हर साल लाखों लोग अपनी जान गंवा देते हैं. कैंसर सबसे घातक बीमारियों में से एक है. वर्तमान समय में खराब लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खान-पान ने कैंसर का खतरा बढ़ा दिया है. सभी उम्र के लोग कैंसर की चपेट में आकर मौत का शिकार हो रहे हैं. कैंसर को लेकर सामने आई एक स्टडी इन दिनों चर्चाओं में बनी हुई है. इस स्टडी में खुलासा हुआ है कि रोजमर्रा की जिंदगी में अगर आप केवल 4-5 मिनट इतनी कड़ी मेहनत वाला काम कर लें, जिससे आपको पसीना आ जाए और आप हांफने लगें तो इस मेहनत से आपको कैंसर होने का खतरा 32 प्रतिशत तक कम हो सकता है. आसान भाषा में कहें, तो कुछ मिनट की कड़ी मेहनत करने से आप कैंसर से काफी हद तक बचाव कर सकते हैं.
जामा ऑन्कोलॉजी में प्रकाशित इस अध्ययन में ऐसे 22000 लोगों की रोजमर्रा की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए उनके शरीर पर विशेष उपकरण लगाये गये, जो कड़ी कसरत नहीं करते हैं. आस्ट्रेलिया की सिडनी यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने कैंसर पर नजर रखने के लिए करीब 7 सालों तक इस समूह के स्वास्थ्य रिकार्ड का अध्ययन किया. शोधकर्ताओं ने स्टडी में पाया कि बीच-बीच में चार या पांच मिनट की कड़ी शारीरिक मेहनत वाली जीवनशैली वाले लोगों में उन लोगों की तुलना में कैंसर का कम खतरा होता है जो ‘कड़ी मेहनत’ नहीं करते हैं. कड़ी मेहनत का मतलब उन लोगों से है, जो रोज कुछ मिनट तक तेज शारीरिक गतिविधि करते हैं, जिससे उन्हें पसीना आने लगता है.
इन एक्टिविटीज से खतरा होगा कम
अब सवाल उठता है कि आखिर वे कौन सी एक्टिविटीज हैं, जिनसे कैंसर का खतरा कम हो सकता है. इसको लेकर स्टडी में कहा गया है कि पसीना बहा देने वाली चंद मिनट की गतिविधियों में कड़ी मेहनत वाला घरेलू कामकाज, किराने की दुकान से भारी सामान की खरीदारी, बहुत तेज कदमों से चलना (तेज वॉकिंग), बच्चों के साथ थकाने वाले खेल खेलना आदि शामिल हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि जो वयस्क इस तरह की पसीना बहा देने वाली मेहनत नहीं करते हैं, उनमें छाती, कोलोन जैसे अंगों का कैंसर होने का जोखिम बढ़ जाता है. ऐसे में इससे बचाव करना बेहद जरूरी है.
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क्या कहते हैं इस स्टडी के शोधकर्ता
इस अध्ययन के लेखक प्रोफेसर इमैन्युअल स्टामैटाकिस ने कहा कि हम जानते हैं कि मिडिल एज के लोग नियमित रूप से कसरत नहीं करते हैं, जिससे उनमें कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. हालांकि गतिविधि ट्रैकर जैसे पहनने वाले उपकरणों के आने के बाद हम रोजमर्रा की जिंदगी में अचानक की जाने वाली मेहनत संबंधी गतिविधियों का प्रभाव देख पाये. यह देखना बहुत ही शानदार है कि रोजमर्रा की जिंदगी में महज 4 या 5 मिनट की कड़ी मेहनत व कैंसर का जोखिम कम होने के बीच संबंध है.
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FIRST PUBLISHED : July 31, 2023, 10:40 IST