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महाकुम्भ 2025 के पहले सभी 13 अखाड़ों के साथ प्रयागराज मेला प्राधिकरण की बैठक शनिवार को होगी। देशभर से साधु संत प्रयागराज पहुंच चुके हैं। शनिवार को मंडलायुक्त कार्यालय में होने वाली बैठक में प्रयागराज के विकास के साथ ही इसे तीर्थ क्षेत्र घोषित करने की मांग भी रखी जाएगी। साधु संतों की राय जानने के लिए प्रशासन ने पहली बैठक बुलाई है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत राजेंद्र दास गुजरात से प्रयागराज आ गए हैं। इसके साथ ही राम जन्म भूमि के मुख्य पैरोकार रहे निर्वाणी अखाड़े के महंत रामदास और जूना अखाड़े के सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि भी प्रयागराज में हैं।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद महंत हरिगिरि गुट के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी सावन के कारण नहीं आए हैं। उन्होंने प्रयागराज में सचिव को बैठक में भाग लेने के निर्देश दिए हैं। महंत राजेंद्र दास का कहना है कि पहली बैठक है, लेकिन बैठक में हमारा प्रस्ताव प्रयागराज का विकास कराने का है। यहां के सभी मठ मंदिरों के निर्माण, जीर्णोद्धार, प्रयागराज को तीर्थ क्षेत्र घोषित करने की मांग भी रखी जाएगी। इसके साथ ही संगम क्षेत्र के विकास, महाकुम्भ के दौरान अखाड़ों को अधिक से अधिक सुविधा देने पर जोर रहेगा। जिससे प्रयागराज में 2025 में होने वाला महाकुम्भ विहंगम हो सके और दुनिया भर से आने वाले लोग यहां पर आकर सुखद अनुभूति उठा सकें।
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बैठक की अध्यक्षता मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत, मेलाधिकारी विजय किरन आनंद शामिल होंगे। प्रयागराज में हर तरह से महाकुम्भ 2025 की तैयारी चल रही है। आज की बैठक में धार्मिक स्थलों के विकास के साथ ही प्रयागराज को तीर्थ क्षेत्र घोषित करने की मांग रखी जाएगी। भव्य आयोजन के लिए बैठक में सुझाव दिए जाएंगे। बैठक के बाद आगे के कामों के लिए निर्देश दिए जाएंगे।
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