Home National महाकुंभ 2025: संगम के तीन किमी के दायरे में बंद हों मांस-मदिरा की दुकानें, 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने की अफसरों संग बैठक

महाकुंभ 2025: संगम के तीन किमी के दायरे में बंद हों मांस-मदिरा की दुकानें, 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने की अफसरों संग बैठक

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महाकुंभ 2025: संगम के तीन किमी के दायरे में बंद हों मांस-मदिरा की दुकानें, 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने की अफसरों संग बैठक

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महाकुम्भ 2025 की तैयारी को लेकर प्रयागराज मेला प्राधिकरण के अफसरों के साथ सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों की पहली बैठक शनिवार को मंडलायुक्त कार्यालय के गांधी सभागार में हुई। महाकुम्भ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए पेशवाई मार्ग को तारों के जंजाल से मुक्त करने, संगम से तीन किमी के दायरे को अंडा, मांस और मदिरा की दुकानों से मुक्त रखने जैसे तमाम सुझाव साधु संतों ने मेला प्रशासन को दिए। प्रयागराज को रामवन गमन पथ का सूचक बनाने का प्रस्ताव भी दिया गया। अफसरों ने इन मांगों के संबंध में ठोस पहल कर अगली बैठक में चर्चा करने का आश्वासन दिया है। 

मेलाधिकारी ने संतों के सामने गंगा-यमुना के किनारे की 13.25 किमी सड़क को रिवर फ्रंट की तरह बनाने की घोषण की। शनिवार को मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत और एडीजी भानु भास्कर की अध्यक्षता में बैठक हुई। अखाड़ों के साथ हुई पहली समन्वय बैठक में जूना अखाड़े के संरक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरिगिरि ने संगम के तीन किमी के दायरे में मांसाहार और शराब की दुकानों को बंद करने का सुझाव दिया। इस प्रस्ताव का सभी 13 अखाड़ों ने समर्थन किया। इसके साथ ही महंत हरिगिरि और महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत जमुनापुरी ने अखाड़ों के पेशवाई मार्ग से तारों को हटाने का सुझाव दिया। इसका भी सभी ने एक स्वर में स्वागत किया और कहा कि तारों को अंडरग्राउंड किया जाए। 

जगतगुरुओं के नाम पर हों मोहल्लों के नाम

संतों ने महर्षि भरद्वाज के कार्यों का प्रचार प्रसार करने, आदि शंकराचार्य के नाम पर स्थायी द्वार बनाने, वेणी माधव की परिक्रमा के लिए उचित मार्ग की व्यवस्था करने व शहर के मोहल्लों के नाम जगतगुरुओं के नाम पर रखने का भी सुझाव दिया। इन सभी प्रस्तावों को मेलाधिकारी विजय किरन आनंद और जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने नोट कर इस पर उचित कार्रवाई के साथ अगली बैठक में बात करने का आश्वासन दिया। बैठक में पुलिस आयुक्त रमित शर्मा, पुलिस महानिरीक्षक चंद्र प्रकाश, अपर पुलिस आयुक्त पवन कुमार, पीडीए वीसी अरविंद सिंह चौहान आदि मौजूद रहे। 

ये प्रमुख साधु संत रहे मौजूद

जूना अखाड़े से संरक्षक महंत हरिगिरि, महानिर्वाणी अखाड़े से महंत जमुनापुरी, निर्मोही अनि अखाड़े से श्रीमहंत राजेंद्र दास, श्रीमहंत रामजी दास, महासचिव नरेंद्र दास, दिगंबर अखाड़े से श्रीमहंत राम किशोर दास, महासचिव वैष्णव दास, निमर्वाणी अखाड़े से श्रीमहंत धर्मदास, श्रीमहंत मोहन दास, सचिव प्रेम दास अटल अखाड़े से श्रीमहंत बलराम दास आदि मौजूद रहे। 

बैठक से पहले हंगामा

गांधी सभागार में बैठक से पहले संतों में बहस और हंगामा हुआ। महंत मुरलीदास ने श्रीमहंत धर्मदास के बैठक में शामिल होने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि महंत धर्मदास की जगह अब वह महंत हैं। ऐसे में महंत धर्मदास को बैठक से हटाया जाए। जबकि महंत धर्मदास पहले ही बैठ गए थे। कुम्भ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद को हस्तक्षेप करना पड़ा। मेलाधिकारी ने हाथ जोड़कर दोनों पक्षों को मनाया। तब बैठक शुरू हो सकी। 

मेलाधिकारी ने बताया यह हो रहे हैं काम

मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने महाकुंभ की तैयारी को लेकर शुरू किए गए और आगे शुरू होने वाले कार्यों की जानकारी संतों को दी। कहा कि सात सड़कों को रिवर फ्रंट की तरह विकसित करने के साथ ही सात घाटों का निर्माण और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। अक्षयवट, पातालपुरी और सरस्वती कूप के कॉरिडोर, लैंड स्केपिंग, साइनेज और प्रवेश द्वार का विकास कराया जाएगा। नागवासुकि, अलोपशंकरी, मनकामेश्वर, पंडिला महादेव, कोटेश्वर महादेव, कल्याणी देवी व तक्षक तीर्थ का विकास होगा। भारद्वाज आश्रम और द्वादश माधव मंदिरों के कारिडोर का निर्माण कराया जा रहा है। 

स्नान पर्व की तारीखों का अनुमोदन

अखाड़े के साधु संतों से स्नान पर्व की तारीखों का अनुमोदन प्राप्त किया गया। पौष पूर्णिमा 13 जनवरी, मकर संक्रान्ति 14 जनवरी, मौनी अमावस्या 29 जनवरी, वसंत पंचमी तीन फरवरी, माघी पूर्णिमा 12 फरवरी, महाशिवरात्रि 26 फरवरी को होगी। 

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