Friday, February 7, 2025
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महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को कैसे चढ़ाएं अक्षत? आप भी न करें ये गलती, नहीं मिलेगा पूजा का पूरा फल


हाइलाइट्स

अक्षत का अर्थ होता है, जिसका क्षय न हो. अक्षत उन चावल को कहा जाता है, जो साबुत होते हैं, टूटे नहीं होते हैं.
जब भी आप शिव जी को अक्षत अर्पित करें तो उस समय फूल, सफेद चंदन के साथ साबुत चावल चढ़ाएं.
अक्षत चढ़ाने का मंत्र: अक्षताश्च सुरश्रेष्ठ कुंकमाक्ता: सुशोभिता: मया निवेदिता भक्त्या: गृहाण परमेश्वर॥

भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित महाशिवरात्रि का पावन पर्व 8 मार्च दिन शुक्रवार को है. महाशिवरात्रि के अवसर पर व्रत रखकर भगवान भोलेनाथ की विधि विधान पूजा-अर्चना करते हैं. महाशिवरात्रि पर शिव पूजा के कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन जरूरी होता है. शिव जी को पूजा के समय अक्षत चढ़ाते हैं. हम सब कई बार जानकरी के अभाव में गलत तरीके से भोलेनाथ को अक्षत अर्पित कर देते हैं. ऐसे नहीं करना चाहिए. गलत तरीके से की गई पूजा फलित नहीं होती है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं शिव जी को अक्षत चढ़ाने की विधि क्या है? अक्षत चढ़ाने का मंत्र क्या होता है? भगवान भोलेनाथ को अक्षत क्यों चढ़ाते हैं?

शिव जी पर अक्षत चढ़ाने की सही विधि

1. अक्षत का अर्थ होता है, जिसका क्षय न हो. अक्षत उन चावल को कहा जाता है, जो साबुत होते हैं, टूटे नहीं होते हैं. वे अखंडित चावल होते हैं.

2. शिवलिंग या फिर शिव जी पर हमेशा साबुत चावल ही अक्षत के रूप में चढ़ाना चाहिए.

3. शिवजी को अखंडित चावल चढ़ाने से धन, धान्य, मान-सम्मान आदि की प्राप्ति होती है, जिसका कभी क्षय नहीं होता है.

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4. जब भी आप शिव जी को अक्षत अर्पित करें तो उस समय फूल, सफेद चंदन के साथ साबुत चावल चढ़ाएं. कभी केवल अक्षत अर्पित न करें. इस दौरान अक्षत के साथ हल्दी या सिंदूर का उपयोग न करें.

5. भगवान भोलेनाथ को अक्षत् चढ़ाने के लिए अंगूठा, मध्यमा और अनामिक अंगुली का उपयोग करते हैं. अक्षत चढ़ाते समय मंत्र भी बोलते हैं.

शिव जी पर अक्षत चढ़ाने का मंत्र

अक्षताश्च सुरश्रेष्ठ कुंकमाक्ता: सुशोभिता:
मया निवेदिता भक्त्या: गृहाण परमेश्वर॥

ये भी पढ़ें: माघ पूर्णिमा पर बन रहे धन प्राप्ति के अद्भुत संयोग, 3 उपाय कर सकते हैं मालामाल, माता लक्ष्मी भी होंगी प्रसन्न

भगवान शिव को अक्षत चढ़ाने के फायदे

1. शिव जी को 4 अक्षत भी चढ़ाते हैं तो आपके धन, वैभव और ऐश्वर्य में बढ़ोत्तरी होती है.

2. यदि आप ​बीमार हैं तो आपको माहाशिवरात्रि के ​दिन शिवजी को अक्षत जरूर चढ़ाना चाहिए. इससे आपके दुख दूर होंगे.

3. महादेव को अक्षत चढ़ाने से व्यक्ति के बुरे दिन खत्म होते हैं और उसके मेहनत का सकारात्मक फल प्राप्त होता है.

4. भगवान शिव को अक्षत चढ़ाने से माता अन्नपूर्णा भी प्रसन्न होती है. उनकी कृपा से आपके घर में हमेशा धन और धान्य भरा रहता है.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Lord Shiva, Mahashivratri



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