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हाइलाइट्स
महाशिवरात्रि की चतुर्दशी तिथि 18 फरवरी की रात प्रारंभ होकर 19 फरवरी को शाम तक है.
इस वजह से लोगों में महाशिवरात्रि की तारीख को लेकर कन्फ्यूजन हो रहा है.
इस साल 2023 में महाशिवरात्रि का पावन पर्व 18 फरवरी को है या फिर 19 फरवरी को? यह सवाल इसलिए हो रहा है क्योंकि महाशिवरात्रि की चतुर्दशी तिथि 18 फरवरी की रात प्रारंभ होकर 19 फरवरी को शाम तक है. इस वजह से लोगों में महाशिवरात्रि की तारीख को लेकर कन्फ्यूजन हो रहा है. पंचांग के अनुसार देखा जाए तो महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को होता है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से महाशिवरात्रि की तारीख पर पैदा हुए असमंजस को दूर करते हैं. उनसे जानते हैं कि इस साल महाशिवरात्रि 18 फरवरी को मनाएं या फिर 19 फरवरी को.
कैसे तय होती है महाशिवरात्रि पर्व की तारीख
ज्योतिषाचार्य भट्ट के अनुसार, हिंदू धर्म के व्रत और त्योहार उदयातिथि के आधार पर निर्धारित होते हैं, लेकिन कुछ व्रतों में निश्चित तिथि में उसकी पूजा मुहूर्त या चंद्रोदय का समय उसकी तारीख को तय करते हैं, उसमें फिर सूर्योदय के साथ की उदयातिथि गौण हो जाती है. अब बात करें महाशिवरात्रि पर्व की तारीख को तय करने की तो इसमें उदयातिथि से ज्यादा महत्वपूर्ण शिव जी की निशिता पूजा मुहूर्त है. इस आधार पर यह देखते हैं कि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशशी तिथि में निशिता पूजा मुहूर्त किस तारीख को है.
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साल 2023 में महाशिवरात्रि तिथि
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, महाशिवरात्रि तिथि यानि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 18 फरवरी को रात 08:02 बजे से प्रारंभ हो रही है और इसका समापन 19 फरवरी को शाम 04:18 बजे हो रहा है.
महाशिवरात्रि 2023 की सही तारीख
पंचांग के आधार पर 19 फरवरी को उदयातिथि प्राप्त हो रही है, लेकिन उस दिन निशिता पूजा मुहूर्त अमावस्या तिथि में प्राप्त हो रही है. ऐसे में 18 फरवरी को चतुर्दशी तिथि में महाशिवरात्रि की निशिता पूजा मुहूर्त प्राप्त हो रही है, इसलिए महाशिवरात्रि पर्व 18 फरवरी को मनाना ही श्रेष्ठ है.
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महाशिवरात्रि 2023 निशिता पूजा मुहूर्त
18 फरवरी को महाशिवरात्रि की निशिता पूजा मुहूर्त रात 12:09 बजे से लेकर देर रात 01:00 बजे तक है. इस मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा मंत्र के सिद्धियों के लिए करते हैं. आमजन 18 फरवरी को सुबह से ही महाशिवरात्रि की पूजा कर सकते हैं.
महाशिवरात्रि का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, इसलिए महाशिवरात्रि पर शिव पार्वती विवाह का आयोजन होता है. इस दिन शिव मंत्रों का जाप करना फलदायी होता है. महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक भी करा सकते हैं.
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Tags: Dharma Aastha, Lord Shiva, Mahashivratri
FIRST PUBLISHED : February 08, 2023, 10:08 IST
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