FODMAP diet can ease endometriosis: एंडोमेट्रियोसिस महिलाओं से संबंधित बेहद खतरनाक बीमारी है. इसमें बेपनाह दर्द होता है और इलाज न कराने पर महिलाएं हमेशा के लिए मां बनने की क्षमता खो सकती है. मोनाश यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक नए अध्ययन में पाया है कि अगर लो फूडमैप डाइट का सेवन किया जाए तो इससे महिलाओं में होने वाली बीमारी एंडोमेट्रियोसिस में बहुत सुधार होता है. इससे इस बीमारी पर बहुत हद तक काबू पाया जा सकता है. इस डाइट को समझने से पहले यह जान लीजिए कि एंडोमेट्रियोसिस होता क्या है. एंडोमेट्रियोसिस महिलाओं में होने वाली बहुद पेनफुल बीमारी है. इसमें गर्भाशय यानी बच्चेदानी की अंदरुनी दीवाल के टिशू बढ़कर चारों ओर बढ़ने लगते हैं. यह फेलोपियन ट्यूब होते हुए अंडाशय तक पहुंच सकता है. इस कारण इस बीमारी में बहुत दर्द होता है. इससे गर्भाश्य में सूजन बनने लगती है और यौन संबंधों में भी कठिनाई हो सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक 7 में से करीब 1 महिला को इस बीमारी से गुजरना पड़ता है.
क्या है लो FODMAP डाइट
फूडमैप में अंग्रेजी के शब्दों का मतलब होता है. इसमें FODMAP अक्षर आए हैं यानी F का मतलब फर्मेंटेड, O का मतलब ओलिगोसैकराइड, D का मतलब डायसैकराइड, M का मतलब मोनोसैकराइड, A का मतलब एंड और P का पोलयोल्स . इसमें सेकराइड कार्बोहाइड्रेट्स का एक समूह है जो आंतों में पूरी तरह पच या अवशोषित नहीं होता है. जब ये FODMAPs छोटी आंत में पहुंचते हैं तो धीरे-धीरे मूव करते हैं और पानी को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. जब ये बड़ी आंत में पहुंचते हैं, तो वहां मौजूद बैक्टीरिया इन्हें फर्मेंटेड करते हैं, जिससे गैस बनती है. यह अतिरिक्त गैस और पानी आंत की दीवार को खींचते और फैलाते हैं जिससे सूजन होती है पेट में हचलच मच जाती है.
लो FODMAP डाइट की लिस्ट
लो FODMAP डाइट में साबुत अनाज में ओट्स, मक्का, ग्लूटेन फ्री प्रोडक्ट, राइस, क्विनोआ, गेहूं, मोटा अनाज आदि आता है. इसके बाद डेयरी प्रोडक्ट में जो प्रोसेस न हो, वह आता है.सब्जियों में आर्टिचोक, फूलगोभी, पत्तागोभी, अदरक, हरी मटर, मशरूम, प्याज. फलों में सेब, आम, ड्राई फ्रूट, आड़ू, तरबूज, प्ल्म्स. शहद, काजू, किशमिश, डेट्स, स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी आदि.
लो फूडमैप से 60 प्रतिशत लक्षण में सुधार
मोनाश यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन में 35 महिलाओं को शामिल किया गया, जिनमें से सभी एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित थीं. इन महिलाओं को दो डाइट प्लान दिए गए. एक सामान्य आहार और दूसरा लो FODMAP डाइट. अध्ययन के दौरान, इन महिलाओं की नींद, पेट दर्द, सूजन और शौच की स्थिति की ट्रैकिंग की गई. नतीजे चौंकाने वाले थे. अध्ययन में पाया गया कि जिन महिलाओं ने लो फूडमैप का सेवन किया उनमें से 60 प्रतिशत महिलाओं में एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण कम देखे गए. इसमें पेट दर्द, सूजन और अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षणों में काफी सुधार देखा गया. शोधकर्ताओं का मानना है कि एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित अधिकांश महिलाओं को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं भी होती हैं, जैसे कि पेट में दर्द, सूजन और अपच, जो आईबीएस से मिलते-जुलते होते हैं. इससे पहले एंडोमेट्रियोसिस के लिए कोई विशेष डाइट या इलाज की सिफारिश नहीं की जाती थी लेकिन इस अध्ययन ने यह साबित किया कि एक विशेष डाइट यानी लो FODMAP डाइट इन लक्षणों में राहत दे सकती है.
अन्य भी कई फायदे
मोनाश यूनिवर्सिटी की सीनियर रिसर्च डायटिशियन डॉ. जेन वार्नी ने कहा कि यह शोध इस बात को साबित करता है कि एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं के लिए लो FODMAP डाइट कितना प्रभावी हो सकता है. उन्होंने यह भी बताया कि 75 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं एंडोमेट्रियोसिस के दौरान गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं का सामना करती हैं. अब तक इसके लिए कोई प्रभावी समाधान नहीं था. इस अध्ययन के बाद विशेषज्ञों का मानना है कि अब एंडोमेट्रियोसिस के मरीजों के लिए एक संभावित डाइट योजना उपलब्ध है जो न केवल पेट दर्द और सूजन में सुधार कर सकती है बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता को भी बढ़ा सकती है. हालांकि यह शोध अभी शुरुआती चरण में है,और आगे अधिक शोध की आवश्यकता होगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लो FODMAP डाइट सभी महिलाओं के लिए प्रभावी है या नहीं.