Friday, December 13, 2024
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माइग्रेन है तो न खाएं पुराना चीज, जानें- डिप्रेस्ड और घर पर रहने वालों को डॉक्टर की सलाह


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अच्छी नींद लेना हमारी मेंटल हेल्थ के लिए बेस्ट टॉनिक है। वहीं हंसना ऐसी थेरपी है जिससे दर्द कम होता है। ऐसे ही कुछ काम के टिप्स आइमेड अस्पताल की इंटरनल मेडिसिन एमडी यूथिका मल्होत्रा ने दिए हैं। अगर आपको स्लीप डिसऑर्डर, माइग्रेन, डिप्रेशन और इनएक्टिव लाइफस्टाइल से जुड़ी प्रॉब्लम्स हैं तो जवाब आपके काम के हो सकते हैं। 

सवाल: मेरी उम्र 28 साल है। मैं बीते 10 साल से अवसाद और माइग्रेन से पीड़ित हूं। पहले से स्थिति बेहतर है, करीब नौ महीने तक माइग्रेन का इलाज करवाया था। मैं दोनों समस्याओं को जड़ से समाप्त करना चाहता हूं। पहले मुझे किस समस्या का उपचार कराना चाहिए? क्या बिना दवा के यह समस्या ठीक हो सकती है?

जवाब: माइग्रेन के लिए करीब तीन साल तक दवा लेनी होती है, जिसमें दवा की मात्रा धीरे-धीरे कम होती जाती है। माइग्रेन का दर्द पूरी तरह ठीक नहीं हो सकता, पर दवा की बहुत कम मात्रा या बिना दर्द निवारक दवाओं के इसे काबू पाने में मदद मिल सकती है। पर, डॉक्टर की सलाह से लगातार दवाएं लेते रहें। कैफीन और पुराने चीज (cheese) से बचने की सलाह दी जाती है। सही समय पर दवाएं लें और रात में सोने का समय सही रखें। तनाव मुक्त रहने की कोशिश करें। हंसना भी अच्छी थेरेपी है, जिससे दर्द कम करने में मदद मिलती है।

सवाल: मेरी उम्र 55 साल है। मुझे कई दिन से स्लीप डिसॉर्डर की समस्या है। इससे मेरे पाचन पर भी असर पड़ता है। कई बार भूख नहीं लगती और कई बार बहुत भूख लगती है। बार-बार पेशाब आने जैसा महसूस होता है। रात में देर तक नींद नहीं आती और सुबह भी जल्दी उठ जाता हूं। पूरे दिन झुंझलाहट रहती है। दिन में सोने पर भी नींद नहीं आती। मैं क्या करूं, क्या नींद की दवा लेनी चाहिए?

जवाब: स्लीप डिसॉर्डर के संबंध में जरूरी है कि आप सोने और जागने का समय निश्चित कर लें। भले ही नींद न आए, पर तय समय पर बिस्तर पर सोने जाएं। रात में देर तक फोन, गैजेट्स, इलेक्ट्रॉनिक चीजें इस्तेमाल न करें। इनकी रोशनी और रेडिएशंस भी देर तक जगाए रखती है। आप चाहें तो रात में आध्यात्मिक संगीत सुन सकते हैं, इससे सुकून मिलेगा। दवा अंतिम विकल्प में दी जाती है और डॉक्टर के परामर्श से ही लें। सोते समय कमरे में पर्याप्त अंधेरा रखें। इससे नींद लाने वाले मेलाटोनिन हार्मोन शरीर में बनता है। अच्छी डाइट भी जरूरी है। नियमित कुछ फल जरूर खाएं। इससे गैस की समस्या नहीं होगी। व्यायाम करें व दोपहर में सक्रिय रहें। इससे थकावट होगी और रात में अच्छी नींद आने में मदद मिलेगी।

सवाल: मेरी उम्र 31 वर्ष है। पिछले तीन साल से मैं घर से ही काम कर रहा हूं। अकसर गर्दन दर्द, सिर दर्द, चक्कर आना, वर्टिगो, जी मिचलाना आदि की परेशानी होती रहती है। लेटने में, थोड़ा आराम करने या दर्द निवारक मरहम लगाने से कुछ समय के लिए आराम मिल जाता है। अभी डॉक्टर से दवा नहीं ली है। मैं क्या करूं?

जवाब: लगातार घर से काम करने के कारण शारीरिक सक्रियता कम हो जाती है। हमारी जीवनशैली में सुस्ती बढ़ जाती है। यही कारण भी है कि शरीर में दर्द बढ़ जाता है। भले ही आप घर से काम कर रहे हैं, पर नियमित सुबह और शाम कुछ देर सैर करने के लिए जरूर जाएं या फिर कुछ देर बच्चों के साथ ही कोई खेल खेलें। काम के दौरान सीट से जरूर उठें, छोटे-छोटे ब्रेक लें। एक घंटे काम करने के बाद सीट से उठें और थोड़ा टहल लें। देर तक एक जगह बैठे रहने या खड़े रहने से भी दर्द बढ़ता है। ऐसे में ब्रेक से आराम मिलेगा। सही समय पर सही ढंग से भोजन करें। जंक फूड व प्रोसेस्ड फूड अधिक न लें। खाने के बीच लंबा अंतराल न रखें। इसके अलावा सही पॉश्चर में बैठना शुरू करें। गलत मुद्रा व खानपान की खराब आदतें दर्द बढ़ाती हैं। सीट से उठते रहना जरूरी है। अगर घर पर ही काम करना है तो घर में ऑफिस की तरह बैठने की सही व्यवस्था करें।



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