Monday, September 2, 2024
Google search engine
HomeLife Styleमात्र 10 रुपए में भरपेट स्वादिष्ट खाना ! थाली में मिलेगा रोटी,...

मात्र 10 रुपए में भरपेट स्वादिष्ट खाना ! थाली में मिलेगा रोटी, सब्जी, दाल और चावल, जानें और क्या है खास ?


कासिम खान /नूंह. दो वक्त की रोटी के लिए हर एक इंसान काम करता है. वहीं गरीब मजदूर भी अपना घर छोड़ दूसरे शहरों में मजदूरी करने के लिए आते हैं. ताकि वे अपना पेट भर सके. अब इन मजदूरों का सहारा बन रहा है श्रम विभाग. जो मजदूरों को मात्र 10 रुपये में भरपेट स्वादिष्ट खाना उलब्ध करा रहा हैं.

पिछले डेढ़ साल से अडबर चौक नूंह में अपना होटल के पास श्रम विभाग की ओर से एक कैंटीन चलाई जा रही है. जहां पर हर रोज करीब 200 मजदूर केवल 10 रुपये में खाना खा रहे है. उन्हें 10 रुपये का एक टोकन दिया जाता है जिससे वे ये खाना ले सकते है. इस 10 रुपये की खाने की थाली में 4 रोटी, एक सब्जी, दाल और चावल मिलता है. अगर किसी मजदूर का पेट इस खाने की मात्रा से नहीं भरता तो वे ओर खाना ले सकता है. सीजन के हिसाब से सब्जियां इस कैंटीन में बनाई जाती हैं. कुल मिलाकर जैसा सीजन होता है, वैसी ही सब्जियां इस कैंटीन में गरीब – मजदूरों के लिए बनाई जाती है. सस्ते के साथ – साथ पौष्टिक आहार मिलने से मजदूर व गरीब इस कैंटीन में खाना खाने से खुश हैं.

5 महिलाओं को मिला रोजगार
इस कैंटीन के माध्यम से ना केवल मजदूरों का पेट भर रहा है बल्कि यहां पर खाना तैयार करने वाली महिलाओं को भी रोजगार मिला है.यहां पर पांच महिलाएं इस खाने को तैयार कर रही है. जिन्हें वेतन के तौर पर करीब 8 हजाऱ रुपये मिलते है. जिससे उनके परिवार का भी पालन पोषण हो रहा है. समूह से जुड़ी ये पांच महिलाए सुबह 8 बजे खाना बनाने के लिए यहां पहुंच जाती है. और दोपहर तक वहां पर आने वाले सभी गरीब मजदूरों को खाना खिलाने का काम करती है.

सरकारी मदद से चलती है कैंटीन
तकरीबन डेढ़ साल पहले श्रम विभाग की मदद से श्री कृष्ण स्वयं सहायता समूह उजीना ने इस कैंटीन की शुरुआत की थी. प्रतिदिन इस कैंटीन में तकरीबन 2000 रुपए का खाना गरीब और मजदूर खा लेते हैं. इस कैंटीन को प्रतिदिन 3000 रुपए श्रम विभाग की तरफ से दिए जाते हैं. जिसमें सब्जी, आटा, दाल, चावल इत्यादि सामान आ जाता है. कैंटीन में ठंडे पानी की व्यवस्था के साथ- साथ, साफ-सफाई का पूरा इंतजाम देखने को मिलता है. श्रम विभाग ने कैंटीन के लिए 18000 रुपए प्रति महीने किराए पर यह बिल्डिंग ली हुई है. इसके अलावा बिजली का बिल भी श्रम विभाग ही वहन करता है.

नूंह हिंसा में 2 दिन बंद रहा था कैंटीन
नूंह हिंसा के दौरान आरएएफ के जवान भी इस कैंटीन में 10 रुपए की थाली का जायका ले चुके है. नूंह हिंसा के दौरान भी यह कैंटीन महज दो दिन बंद रही थी. ऐसे में नूंह शहर में गरीबों -मजदूरों के पास पेट भरने के लिए महज श्रम विभाग की यह कैंटीन ही एक उपाय थी.

हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल है कैंटीन
नूंह शहर के अडबर चौक पर पिछले करीब डेढ़ साल से चलाई जा रही अंत्योदय आहार योजना के तहत श्रम विभाग की कैंटीन हिंदू – मुस्लिम एकता के लिए भी किसी मिसाल से कम नहीं है. यहां खाना बनाने वाली 5 महिलाओं में चार हिंदू समाज से हैं तो एक महिला मुस्लिम समाज से भी है. इसके अलावा कैंटीन में निगरानी रखने वाले व्यक्ति भी मुस्लिम समाज से हैं. पिछले डेढ़ साल में कभी भी इस कैंटीन में आपसी भाईचारे को ठेस नहीं लगी. नूंह हिंसा के दौरान इलाके में भले ही लोगों में डर था और एक – दूसरे के प्रति नफरत देखने को मिल रही थी, लेकिन आम दिनों की तरह इस कैंटीन में खाना बनाने वाली पांचों महिलाएं इसी भाईचारे के साथ रहती और खाना बनाकर गरीबों-मजदूरों का पेट भरती रही.

Tags: Food 18, Haryana news, Local18, Mewat news



Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments