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महाराष्ट्र पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के काफी घुलते मिलते नजर आए। कहा जा रहा है कि पूरे कार्यक्रम के दौरान दोनों नेता लगातार आपस में चर्चा में जुटे रहे। अब इन नजदीकियों के तार आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर देखे जा रहे हैं। इसके अलावा विपक्ष भी सीएम शिंदे को उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का जिक्र कर घेरता रहा है।
शिवसेना में फूट और राज्य में भाजपा-शिंदे की सरकार आने के बाद पीएम मोदी पहली बार मुंबई पहुंचे थे। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया, ‘पीएम ने हाव भाव और बातों से यह साफ कर दिया हैकि शिंदे भाजपा के लिए खास हैं।’ जून-जुलाई में राज्य में महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी।
कहा जा रहा है कि शिंदे के प्रति मोदी का झुकाव एयरपोर्ट पर उतरने के साथ ही देखआ जा रहा था। उन्होंने सीएम के कंधे पर हाथ रखा, भाषण की तारीफ की। इसके अलावा दोनों ही नेता मंच पर भी लगातार चर्चा में जुटे रहे। शिंदे गुट के नेता और राज्य सरकार में मंत्री दीपक केसरकर कहते हैं, ‘पीएम ने एक बार नहीं, बल्कि दो बार सार्वजनिक तौर पर शिंदे-फडणवीस सरकार की तारीफ की है।’
क्या बीएमसी चुनाव है वजह?
अटकलें हैं कि दोनों गुटों में सब ठीक है के संदेश की एक वजह आगामी बृह्नमुंबई महानगर पालिका चुनाव हो सकते हैं। राज्य में विपक्ष गठबंधन में दरार का दावा कर रहा है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि शिंदे ने लोकसभा चुनाव में 48 में से 45 सीटों का लक्ष्य रखा है। साथ ही 288 सीटों वाली विधानसभा में 200 पार की बात कर रहे हैं।
इसके अलावा सूत्रों के हवाले से यह भी बताया गया कि शिंदे गुट के साथ भाजपा गठबंधन तोड़ने के मूड में नहीं है और वह 2024 यानी कार्यकाल पूरा होने तक सीएम बने रहेंगे। खास बात है कि एक मराठा नेता के तौर पर शिंदे की प्रमाणिकता और ग्रामीण इलाके सतारा में पकड़ भी भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। जबकि, शिंदे की राजनीति का केंद्र ठाणे रहा है।