BJP Mission 2024: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए केंद्र की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। हाल ही में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक के समापन सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा था कि 2024 के लोकसभा चुनाव में करीब 400 दिन बचे हैं और इसलिए पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को पूरे समर्पण के साथ समाज के हर वर्ग की सेवा करने में जुट जाना है।
बताया जा रहा है कि भाजपा पश्चिम बंगाल से लेकर उत्तर प्रदेश तक, करीब 60 सीटों पर खास फोकस कर रही है। इन सीटों पर फोकस करने की वजह पीएम मोदी के संदेश में छिपी है। कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा के कार्यकर्ताओं से बोहरा, पसमांदा और सिखों जैसे अल्पसंख्यकों सहित समाज के हर वर्ग तक पहुंचने और बगैर किसी चुनावी लाभ की लालसा के उनके लिए काम करने का आह्वान किया था।
राहुल गांधी के वायनाड पर भी भाजपा का फोकस
अब भाजपा ने ऐसी ही 60 सीटों की पहचान की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश को अल्पसंख्यक समुदायों तक ले जाने के लिए, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने 10 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में लगभग 60 लोकसभा क्षेत्रों की पहचान की है, जहां अल्पसंख्यकों की आबादी 30 प्रतिशत से अधिक है। पार्टी इन सीटों पर चार महीने का आउटरीच प्रोग्राम शुरू करेगी, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी का निर्वाचन क्षेत्र वायनाड भी शामिल है।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा कार्यकर्ता इनमें से प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र से 5,000 ऐसे लोगों की पहचान करेंगे जो प्रधानमंत्री मोदी या उनके कल्याणकारी कार्यक्रमों की सराहना करते हैं। इन लोगों को उनके समुदाय के राजदूत के तौर पर पेश किया जाएगा। पहल के हिस्से के रूप में, पार्टी मार्च-अप्रैल में एक स्कूटर यात्रा और एक स्नेह यात्रा का आयोजन करेगी। मई में पीएम मोदी दिल्ली में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करेंगे और यहीं से आउटरीच प्रोग्राम का समापन होगा। इस कार्यक्रम में 60 सीटों के सभी राजदूत शामिल होंगे।
इन सीटों पर फोकस करेगी भाजपा
पहचान की गई लोकसभा सीटों में उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से 13-13, जम्मू-कश्मीर से पांच, बिहार से चार, केरल और असम से छह-छह, मध्य प्रदेश से तीन, तेलंगाना और हरियाणा से दो-दो और महाराष्ट्र व लक्षद्वीप से एक-एक सीट शामिल हैं। भाजपा की सूची में पश्चिम बंगाल के निर्वाचन क्षेत्रों में बहरामपुर (64 प्रतिशत अल्पसंख्यक आबादी), जंगीपुर (60 प्रतिशत), मुर्शिदाबाद (59 प्रतिशत), और जयनगर (30 प्रतिशत) शामिल हैं। बिहार, किशनगंज (67 प्रतिशत), कटिहार से (38 प्रतिशत), अररिया (32 प्रतिशत), और पूर्णिया (30 प्रतिशत) सूची में हैं। केरल की संसदीय सीटें जहां भाजपा ध्यान केंद्रित करेगी, उनमें वायनाड (57 प्रतिशत अल्पसंख्यक), मलप्पुरम (69 प्रतिशत), पोन्नानी (64 प्रतिशत), कोझिकोड (37 प्रतिशत), वडकरा (35 प्रतिशत), और कासरगोड (33 प्रतिशत) शामिल हैं। उत्तर प्रदेश की सीटों में बिजनौर (38.33 प्रतिशत), अमरोहा (37.5 प्रतिशत), कैराना (38.53 प्रतिशत), नगीना (42 प्रतिशत), संभल (46 प्रतिशत), मुजफ्फरनगर (37 प्रतिशत), और रामपुर (49.14 प्रतिशत) शामिल हैं। पार्टी ने हरियाणा से गुरुग्राम (38 फीसदी अल्पसंख्यक) और फरीदाबाद (30 फीसदी) को चुना है, जबकि हैदराबाद (41.17 फीसदी) और सिकंदराबाद (41.17 फीसदी) तेलंगाना की लोकसभा सीटें हैं जहां भाजपा अपनी फोकस करेगी।
आउटरीच प्रोग्राम के हिस्से के रूप में, भाजपा कार्यकर्ता व्यवसायियों, डॉक्टरों, वकीलों और अन्य पेशेवरों के साथ-साथ धार्मिक नेताओं से जुड़ेंगे। पीएम मोदी ने हाल में कई बार अपने भाषणों में सूफी संतों की खूब तारीफ की है। अब भाजपा का अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ भी सूफी इस्लाम के अनुयायियों से जुड़ने की योजना तैयार कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम समानांतर रूप से चलाया जाएगा।
समाज के हर वर्ग तक पहुंचें भाजपा कार्यकर्ता : मोदी
प्रधानमंत्री ने भाजपा के कार्यकर्ताओं से अल्पसंख्यकों सहित समाज के हर वर्ग तक पहुंचने और बगैर किसी चुनावी लाभ की लालसा के उनके लिए काम करने का आह्वान किया था। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल पार्टी के विभिन्न नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सूफीवाद के बारे में बहुत कुछ कहा और पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं से कहा कि वे विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवरों से मिलें और उनसे जुड़ने के लिए विश्वविद्यालयों और चर्च जैसी जगहों का दौरा करें।
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा अब केवल एक राजनीतिक आंदोलन नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक आंदोलन में रूपांतरित हो गई है। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को फिल्मों जैसे अप्रासंगिक मुद्दों पर अनावश्यक टिप्पणी करने से बचने का भी सुझाव दिया। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन सब मुद्दों पर पार्टी नेताओं की प्रतिक्रिया भाजपा के विकास के एजेंडे को ठंडे बस्ते में डाल देती हैं।