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2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा हर दिन नई रणनीति बना रही है। भाजपा ने मनोनयन कोटे के छह नामों के जरिए कई समीकरण साधने का प्रयास किया है। सूची में तारिक मंसूर का नाम शामिल करके पार्टी ने सबको चौंका दिया है। 2014 से अब तक हुए लोकसभा और विधानसभा चुनावों में एक भी मुस्लिम चेहरे पर दांव न लगाने वाली पार्टी द्वारा मंसूर को परिषद के लिए नामित करके अपने बदलते एजेंडे को रेखांकित किया है। इसे पार्टी की पसमांदा मुस्लिमों को लेकर चलाई जा रही मुहिम से जोड़कर देखा जा रहा है। इसके साथ ही अगड़े, पिछड़े और दलितों को भी साधने का प्रयास किया गया है।
भाजपा ने पहले दिलीप पटेल को काशी क्षेत्र का क्षेत्रीय अध्यक्ष और अब रामसूरत राजभर का नाम मनोनयन कोटे की लिस्ट में शामिल कर अपने सहयोगी अपना दल (एस) को संदेश देने के साथ ही पूर्वांचल के राजभर वोटों को भी साधने का प्रयास किया है। फिलहाल इन वोटों पर सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर का खासा प्रभाव माना जाता है।
रजनीकांत माहेश्वरी का नाम भेजकर अपने कोर वोटर वैश्यों को साधने की कोशिश की गई है। इसे किसी वैश्य को क्षेत्रीय अध्यक्ष न बनाए जाने की भरपाई के रूप में भी देखा जा रहा है। हालांकि वैश्य वर्ग में माहेश्वरी समाज की संख्या काफी सीमित है। वहीं लालजी प्रसाद निर्मल के रूप में दलित को अब विधान परिषद भेजे जाने की कवायद पार्टी के दलित एजेंडे पर आगे बढ़ने की कवायद माना जा रहा है।
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