क्या है ऑर्डर ऑफ द नील
ऑर्डर ऑफ द नाइलकी शुरुआत सन् 1915 में हुई थी। यह सम्मान मिस्र की तरफ से किसी देश के राष्ट्राध्यक्षों, राजकुमारों और उपराष्ट्रपतियों को दिया जाता है जिन्होंने इस देश या मानवता के क्षेत्र में अनमोल सेवाएं प्रदान की हैं। यह पुरस्कार दरअसल सोने का एक कॉलर जैसा दिखता है। सोने की यूनिट्स पर फैरोनिक प्रतीक शामिल होते हैं। सोने की पहली यूनिट राज्य को बुराइयों से बचाने के विचार को प्रभावित करती है, दूसरी यूनिट नाइल नदी की तरफ से लाई जाने वाली समृद्धि और खुशी से मिलती जुलती है। जबकि तीसरी यूनिट धन और सहनशक्ति का प्रतीक है। पुरस्कार पर फिरोजा और रत्नों से सजाया गया एक गोलाकार सोने के पेंडेंट है जो तीन यूनिट्स से एक दूसरे से जुड़ी हुए हैं।
और कौन-कौन से सम्मान
हाल ही में पीएम मोदी को पापुआ न्यू गिनी के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहु से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा उन्हें जिन और देशों से सर्वोच्च सम्मान मिला है वो कुछ इस तरह से हैं-
फिजी- कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी, मई 2023
पलाऊ गणराज्य- एबाकल पुरस्कार, मई 2023
भूटान- ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो दिसंबर 2021
अमेरिका- लीजन ऑफ मेरिट, 2020
बहरीन- किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां साल 2019
मालदीव-निशान इज्जुद्दीन, 2019
रूस- ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू पुरस्कार, 2019
यूएई- ऑर्डर ऑफ जायद अवार्ड, 2019
फलस्तीन- ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फलस्तीन, 2018
अफगानिस्तान- गाजी अमीर अमानुल्लाह खान, 2016
सऊदी अरब- ऑर्डर ऑफ अब्दुलअजीज अल सौद, 2016
इसके अलावा पीएम मोदी को संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च सम्मान चैंपियंस ऑफ अर्थ, 2018 में, 2018 में ही सियोल शांति पुरस्कार के अलावा गेट्स फाउंडेशन समेत कुछ और विश्व संगठनों की तरफ से भी सम्मानित किया जा चुका है।