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चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के फिर से जगने की सबको उम्मीदें हैं। चंद्रमा पर सूर्योदय हुए कई दिन बीत जाने के बाद भी अब तक दोनों मॉड्यूल्स दोबारा एक्टिवेट नहीं हुए हैं, लेकिन संभावना बरकरार है। वहीं, यूपी के आगरा में रविवार को बवाल हो गया। यहां सत्संगियों और पुलिस के बीच टकराव हुआ। सत्संगियों ने पत्थराव किया तो पुलिस भी पीछे नहीं रही। पुलिस ने सत्संगियों पर लाठीचार्ज करके दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। लाइव हिन्दुस्तान पर पढ़िए रविवार की टॉप-5 न्यूज
चांद पर नहीं छपा अशोक चिह्न और ISRO का लोगो
चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के फिर से जगने की सबको उम्मीदें हैं। चंद्रमा पर सूर्योदय हुए कई दिन बीत जाने के बाद भी अब तक दोनों मॉड्यूल्स दोबारा एक्टिवेट नहीं हुए हैं, लेकिन संभावना जताई जा रही है कि जैसे-जैसे तापमान बढ़ेगा, विक्रम और लैंडर के फिर से एक्टिव होने की संभावना भी बढ़ जाएगी। पढ़ें पूरी खबर…
मुंबई एयरपोर्ट पर बम होने की फोन पर सूचना से हड़कंप
मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर रविवार को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब पुलिस को फोन करके हवाई हड्डे पर बम होने की सूचना दी गई। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, अज्ञात कॉलर ने दावा किया कि एयरपोर्ट कैंपस के अंदर एक नीले बैग में बम है। इस तरह की कॉल आने के तुरंत बाद बम स्क्वायड टीम को तैनात कर दिया गया। पढ़ें पूरी खबर…
टारगेट किलिंग पर क्या है इंटरनेशनल लॉ
खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या ने भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में जो खटास पैदा कर दी है, फिलहाल उसका अंत नजर नहीं आ रहा। कनाडा बिना सबूतों के अपने आरोपों पर अड़ा है। उधर, भारत कह रहा है कि कनाडा के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। दोनों देशों एक-दूसरे के राजनयिक निष्कासित कर चुके हैं। पढ़ें पूरी खबर…
पत्थरबाजी कर रहे सत्संगियों को पुलिस ने दौड़ाकर पीटा
यूपी के आगरा में रविवार को बवाल हो गया। यहां सत्संगियों और पुलिस के बीच टकराव हुआ। सत्संगियों ने पत्थराव किया तो पुलिस भी पीछे नहीं रही। पुलिस ने सत्संगियों पर लाठीचार्ज करके दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इसमें कई सत्संगी, पत्रकार और पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। आगरा में बवाल के मद्देनजर भारी मात्रा में और पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है। पढ़ें पूरी खबर…
पंचायत स्तर पर आरक्षण के 3 दशक, कितनी सशक्त हुईं महिलाएं?
महिला आरक्षण बिल संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) से पास हो चुका है। हालांकि, अभी इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिलनी बाकी है। इस बीच, नारी शक्ति वंदन अधिनियम के नाम से पेश विधेयक को लेकर लगातार ये सवाल उठते रहे कि आखिर यह क्यों जरूरी है? इससे पहले पंचायत स्तर पर जो आरक्षण दिया गया, उसने महिलाओं को कितना सशक्त बनाया है? हम आपको ऐसे सवालों का जवाब विस्तार से दे रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर…