Friday, July 5, 2024
Google search engine
HomeNationalमुकेश अंबानी के घर गणेश चतुर्थी महोत्सव, आयोजन में दिखी 'मेक इन...

मुकेश अंबानी के घर गणेश चतुर्थी महोत्सव, आयोजन में दिखी ‘मेक इन इंडिया’ की झलक


Image Source : इंडिया टीवी
बप्पा की आरती करते हुए मुकेश अंबानी, नीता अंबानी और अन्य लोग

मुंबई : देशभर में आज गणेश चतुर्थी महोत्सव की धूम है। महाराष्ट्र में यह त्योहार पूरे धूम-धाम से मनाया जाता है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के घर पर भी गणेश महोत्सव का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर मुकेश अंबानी ने पूरे परिवार के साथ गणपति बप्पा की आरती की। मुकेश अंबानी के घर पर गणेश महोत्सव की खासियत ये है कि इसमें मेक इन इंडिया की पूरी झलक देखने को मिल रही है। मुकेश अंबानी ने आज शाम परिवारजनों के साथ गणपति बप्पा की आरती की। 

मेक इन इंडिया की भावना से प्रेरित 

रिलायंस की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि हमारा काम हमेशा आम लोगों, धरती और उद्देश्य के इर्द-गिर्द घूमता रहता है। इस बार गणेश चतुर्थी समारोह में पोशाक, सजावट, तकनीक, कपड़े से लेकर फूल तक, हर चीज शिल्प, निरंतरता और सशक्तिकरण से प्रेरित है।  इस महोत्सव का उद्देश्य मेक इन इंडिया की भावना से प्रेरित है।

इस वर्ष के गणपति के लिए, पैठणी में पाए जाने वाले पारंपरिक वनस्पतियों और जीवों के नमूनों को विभिन्न भारतीय शिल्पों के माध्यम से नए तरीके से तैयार किया गया है। लखनऊ की जरदोजी हाथ की कढ़ाई से लेकर ओडिशा की हाथ से बनी कागज चराई (पेपर माचे) तक, हर जगह भारतीय शिल्प की झलक मिलती है। 

सांस्कृतिक विरासत को नमन 

महाराष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत को नमन करते हुए महोत्सव में सजावट और डिजाइन का केंद्रीय विषय पैठणी के इर्द-गिर्द घूमता है। इस प्रसिद्ध भारतीय कला का अभ्यास पारंपरिक भारतीय कारीगरों द्वारा किया जाता रहा है जिन्होंने पीढ़ी दर पीढ़ी अपने कौशल में सुधार किया है और उसे आगे बढ़ाया है।

रिलायंस की ओर से यह कहा गया कि लोगों को सशक्त बनाना और आजीविका बनाए रखना हमारा उद्देश्य है।  मूषक, मोदक, हाथी, ऊंट और बारासिंघा की विशेषता वाली गणपति की बारात 700 से ज्यादा वंचित महिलाओं द्वारा तैयार की गई है। इन खिलौनों ने वंचित पृष्ठभूमि की महिलाओं को सक्षम और सशक्त बनाया है। यह उत्सव न केवल हमारे घरों में बल्कि देश भर के अनगिनत शिल्पकारों के जीवन में भी खुशियां लाता है। 400 से ज्यादा कारीगरों ने फूलों को चिपकाने की प्राचीन कला का उपयोग करके मूर्ति के पीछे की फूलों की दीवार को सजाया है।

घुंघरुओं की झनकार ने नई आभा जोड़ी

बत्तीस गजानन गलियारा गणेश के 32 रूपों से सुशोभित है, जिनमें से प्रत्येक में पैठानी के नमूनों को खास परिकल्पना के तहत सजाया गया है। इस कोशिश में गणेश की पौराणिक कथाओं, महत्व और दैवीय चमत्कारों की कहानियां सुनाने वाले वस्त्रों को डिजाइन करने और बनाने के लिए 900 से  ज्यादा हाथ की कढ़ाई करने वालों की जरूरत पड़ी और करीब 5,000 से ज्यादा घंटे लगे। पाँच लाख से ज्यादा घुंघरुओं की टेपेस्ट्री बुनी गई और पूरे क्षेत्र में रखी गई। इन घुंघरुओं की झनकार के साथ बप्पा के स्वागत ने उत्सव में एक नई आभा जोड़ दी है।

कपड़ा, फूल और डिजाइन को सोच-समझकर चुना गया

इस वर्ष हमारी सजावट संसाधनशीलता और अपशिष्ट प्रबंधन की कहानी भी बयां करती है, जहां प्रत्येक कपड़ा, फूल और डिजाइन को सोच-समझकर चुना गया है। गणेश के आगमन का जश्न मनाने वाले खिलौने बनाने के लिए सैकड़ों स्क्रैप कपड़ों का पुन: उपयोग किया गया है। मूषक और मोदक खिलौनों को फूलों और कपड़ों से घिरे रिसाइक्लड पीवीसी पाइपों पर रखा गया है। इस आयोजन में उपयोग किए गए सभी प्राकृतिक फूलों को रिसाइकिल किया जाएगा और पौधों के लिए खाद और मंदिरों के लिए अगरबत्ती बनाने के लिए पुन: उपयोग किया जाएगा। सभी जगह प्राकृतिक रेशम, कपास के वस्त्रों का ही उपयोग किया गया है।


 

Latest India News





Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments