ऐप पर पढ़ें
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सीटों का तालमेल नहीं होने के बाद से सपा और कांग्रेस के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं। दोनों तरफ से आरोप प्रत्यारोप भी बढ़ते जा रहे हैं। गुरुवार को अखिलेश यादव ने यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय को चिरकुट तक कह दिया। यह भी कह दिया कि सीटों पर बात करने की उनकी हैसियत ही नहीं है। अखिलेश यादव के हमले पर अजय राय ने अब बेहद शालीनता से जवाब दिया है। अजय राय ने कहा कि मेरे लिए वह किसी भी शब्द का इस्तेमाल कर सकते हैं। मुझे गाली देनी है तो दे दीजिए लेकिन मध्यप्रदेश के चुनाव में भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस का समर्थन कीजिए। यूपी में कांग्रेस की स्थिति को लेकर सपा महासचिव रामगोपाल यादव के वार का भी अजय राय ने बेहद सहज ढंग से जवाब दिया।
अखिलेश यादव ने गुरुवार की सुबह शाहजहांपुर जाते समय सीतापुर में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि सीटों के तालमेल को लेकर बात करने की उनकी हैसियत क्या है। उन्हें गठबंधन के बारे में क्या फैसला हुआ कुछ पता भी है। इसी को लेकर अजय राय ने कहा कि हां यह बात सही है कि गठबंधन राष्ट्रीय स्तर का होगा या प्रदेश स्तर का यह जानकारी मुझे नहीं है।
इसके साथ ही अखिलेश के आरोपों पर कहा कि आप छह प्रत्याशियों की बात कर रहे हैं और सात पहले ही घोषित कर चुके हैं। कांग्रेस के प्रत्याशी आने से पहले ही सपा ने सात प्रत्याशी घोषित कर दिए। कौन सही बोल रहा और कौन झूठ बोल रहा इससे साबित होता है।
खुद को चिरकुट करने पर अजय राय बोले, मैं साधारण सा कार्यकर्ता हूं। मेरे लिए वह कोई भी शब्द इस्तेमाल कर सकते हैं। हाथ जोड़कर इतना ही कहूंगा कि मुझे जो गाली देनी है दे दीजिए लेकिन एमपी में भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस का समर्थन कीजिए। अजय राय ने कहा कि आप बड़ा मन कीजिए।
घोसी उपचुनाव में कांग्रेस ने बड़ा मन किया था। आपका समर्थन किया था। रामगोपाल के हमले पर अजय राय ने कहा कि उनके पास ताकत है जो चाहें कर लें। उनसे भी निवेदन है कि भाजपा को हराना है तो कांग्रेस का साथ दीजिए।
अखिलेश ने क्या कहा
अखिलेश ने यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय का बिना नाम लिए कांग्रेस से कहा कि अपने चिरकुट नेताओं से हमारी पार्टी के बारे में न बुलवाएं। अखिलेश ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष की कोई हैसियत नहीं है। न तो वह पटना की मीटिंग में थे, न मुंबई की बैठक में थे। इंडिया गठबंधन के बारे में वह क्या जानते हैं। उनकी हैसियत क्या है जो इस तरह की बातें बोल रहे हैं।
कहा कि उनसे पूछिए कि रात एक बजे तक उनके पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने हमारे लोगों को बैठाया। कमलनाथ ने क्यों सपा के साथ देर रात तक बैठक की। क्या कमलनाथ उनके मुख्यमंत्री नहीं हैं। अगर वह मुख्यमंत्री हैं तो इस तरह की भाषा नहीं बोलनी चाहिए। अजय राय पर बड़ा हमला बोलते हुए अखिलेश ने कहा कि यह लोग बीजेपी से मिले हुए हैं।
दो दिन पहले मंगलवार को अखिलेश यादव और अजय राय दोनों ही कानपुर में थे। यहां पर अखिलेश के वार पर अजय राय ने पलटवार किया था। इसी के बाद बयानबाजी तेज हुई। अब कांग्रेस ने एमपी में सपा को सीट नहीं दी तो रार बढ़ गई है। अखिलेश ने कानपुर में कहा था कि सपा 2024 का चुनाव अपने दम पर लड़ेगी। यह कांग्रेस को देखना है कि गठबंधन किस स्तर पर है। अगर गठबंधन प्रदेश के स्तर पर नहीं है तो देश के स्तर पर भी नहीं हो सकता है।
अखिलेश को जवाब देते हुए अजय राय ने कहा था कि सपा अध्यक्ष की शर्तों पर नहीं, कांग्रेस अपने संकल्प पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी। हमारी तैयारी उप्र की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ने की है। सीटों के बंटवारे और गठबंधन पर निर्णय हाईकमान लेगा। अजय राय ने कहा था कि मध्यप्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला है। वहां सपा का कोई जनाधार नहीं है। ऐसे में मप्र में सपा के प्रत्याशी उतारना उचित नहीं है। पिछले चुनाव में मप्र में सपा का एक विधायक जीता था, लेकिन वह भी बाद में भाजपा में शामिल हो गया।