सुशील सिंह/ मऊ: भारतवर्ष में हर शहर की अपनी खुशबू होती है, तो वहीं एक ही नाम से बिकने वाली मिठाइयों का भी हर शहर में अपना-अपना स्वाद होता है. कुछ इसी तरह का मऊ के मोहम्मदाबाद में बनने वालीं इमरती है, जो अपने मिठास के लिए पूर्वांचल में खासी प्रसिद्ध है. यहां पर बनने वाली इमरती को खरीदने के लिए लोगों की लंबी कतार लगती है.वही शादी ब्याह के समय लोग ऑर्डर देकर के भारी मात्रा में इमरती बनवाते हैं.
सबसे बड़ी बात यह है कि यहां इमरती बनाने वाले कारीगर अपने पुश्तैनी हुनर से ऐसे पाग पर इमरती तैयार करते हैं जो अन्य जगहों पर मिलने वाली इमरती से अलग हो जाती है.स्वाद ऐसा कि अपने सौन्धेपन, कुरकुरी मिठास के साथ-साथ मुंह में डालते ही घुल जाती है. जलेबी की बड़ी बहन कहे जाने वाली इमरती मैदे से नहीं धोई से तैयार की जाती है जो एक रात भिगोने के बाद अगले दिन ही काम आती है.
ऐसे बनती है खास मिठाई
धोई को पहले एक रात भिगोया जाता है. उसके बाद ही बनाने की प्रक्रिया शुरू होती है. भारत में जहां हर जगह अब आधुनिक मोटर मशीन से धोई को पीसने का काम होता है. वहीं आज भी पारंपरिक तरीके से सिलबट्टे पर धोई को पीसा जाता है.जिससे बनावट बनी रहे और इमरती कुरकुरी भी रहे, दोनों ही काम एक साथ हो जाता है.बात करें इसके टीकाउपन की तो यह इमरती लोग ले जाकर हफ्ते 10 दिन बाद भी खाते हैं.यानी कि यह मिठाई पूरी तरीके से टिकाऊ है, साथ ही लाजवाब भी. तो कह सकते हैं मोहम्मदाबाद की धोई की इमरती टिकाऊ के साथ स्वाद भरी है.
ये है इस मिठाई की कीमत
इस मिठाई कीमत की बात की जाए तो 160 रुपए प्रति किलो है.1 पीस की कीमत 7 रुपए है. दुकानदार ने बताया कि 80 साल से हमारे यहां इमरती बनतीं है. ये हमारी चौथी पीढ़ी है जो इमरती बना रहीं हैं. रोजाना खूब बिक्री होती है. ग्राहक ने बताया की यह मुहम्मदाबाद बाजार है जंहा धोई की इमरती बनतीं है. ये बहुत पुरानी दुकान है हम यहां बहुत सालों से आते हैं और इमरती खाते हैं. यहां की इमरती बहुत स्वादिष्ट होता है.
ये है इस दुकान का लोकेशन
मुहम्मदाबाद गोहना रेलवे स्टेशन से 500 मीटर दूर शहीद तिराहे पर स्थित इमरती की दुकान पर आप पैदल चलकर आप खरीद सकते हैं. बगल में रोडवेज की बसे भी रुकती हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 15, 2023, 09:53 IST